Punjab Election: पंजाब की सत्ताधारी कांग्रेसी पार्टी की फूट बढ़ती ही जा रही है. चन्नी सरकार में मंत्री राणा गुरजीत सिंह और पूर्व नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा का झगड़ा अब कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी तक पहुंच गया है. गुरजीत सिंह ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सुखपाल खैहरा को पार्टी से निकालने की मांग की है. इससे पहले सुखपाल सिंह खैहरा भी गुरजीत सिंह को पार्टी से निकलवाने के लिए सोनिया गांधी को लेटर लिख चुके हैं.
राणा गुरजीत सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सुखपाल सिंह खैरा के खिलाफ एक धनशोधन मामले में पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का मुद्दा उठाया. ईडी ने पिछले साल खैरा को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था जो भोलाथ से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. ईडी ने आरोप लगाया गया था कि वह मामले में दोषियों और फर्जी पासपोर्ट रैकेट चलाने वालों के एक सहयोगी थे.
कपूरथला क्षेत्र के कुछ कांग्रेस नेताओं के बीच कड़वी प्रतिद्वंद्विता सामने आ रही है. खैरा, नवतेज सिंह चीमा और पंजाब कांग्रेस के दो अन्य नेताओं ने कुछ दिन पहले गांधी को एक पत्र लिखा था जिसमें पार्टी से उन्हें निष्कासित करने की मांग करते हुए आरोप लगाया गया था कि गुरजीत सिंह विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को कमजोर कर रहे हैं.
राणा गुरजीत सिंह पर नहीं हुई है कार्रवाई
मंत्री ने अपने बेटे राणा इंदर प्रताप सिंह के लिए एक आक्रामक प्रचार अभियान शुरू किया है, जो सत्तारूढ़ कांग्रेस के उम्मीदवार नवतेज सिंह चीमा के खिलाफ सुल्तानपुर लोधी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्य विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
कपूरथला निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारे गए राणा गुरजीत ने कहा कि खैरा धनशोधन मामले में फिलहाल जेल में हैं. उन्होंने पत्र में लिखा है, ''यह बेहिसाबी धन या नियमित धनशोधन का मामला नहीं है. यह नशीले पदार्थ के धन से संबंधित है. जो अस्वीकार्य और अक्षम्य है. कांग्रेस हमेशा मादक पदार्थ के खिलाफ रही है. वास्तव में, यह हमारे पूर्व प्रमुख राहुल गांधी थे, जिन्होंने 2015 में पंजाब में मादक पदार्थ की गंभीर समस्या का जिक्र करते हुए इस मुद्दे को उठाया था.''
बता दें कि कांग्रस पार्टी ने हालांकि अभी तक राणा गुरजीत सिंह पर अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ कैंपेन करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है.