Punjab Election: पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद को लेकर झगड़ा एक बार फिर बढ़ गया है. एक तरफ सीएम चरणजीत सिंह चन्नी हैं और दूसरी तरफ पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू. कांग्रेस आलाकमान की सिरदर्दी ये है कि वो पंजाब चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची पर मंथन करे कि सीएम के चेहरे की गुत्थी सुलझाए. सिद्धू भले ही प्रदेश अध्यक्ष हैं लेकिन दो दिन पहले सिद्धू खुद को अगले सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट करते हुए दिखे. उन्होंने पार्टी का घोषणापत्र आने से पहले ही चंडीगढ़ में बाकायदा अपना अलग पंजाब मॉडल सामने रखा. सबसे दिलचस्प बात ये कि सिद्धू के इस पंजाब मॉडल के बैनर में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तस्वीर ही गायब थी.


सिद्धू ने कहा कि कोई गलतफहमी न पालें


इसके बाद तो सिद्धू ने कांग्रेस हाईकमान को भी खुलेआम चैलेंज कर दिया. उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "भाई सीएम  बनाएंगे पंजाब के लोग. आपको किसने कह दिया कि हाईकमान बनाएगा सीएम? आपको किसने कहा? पंजाब के लोगों ने एमएलए भी पांच साल पहले बना दिया था. एमएलए बनूंगा या नहीं, ये पंजाब के लोगों ने तय करना है. पंजाब के लोग तब फैसला लेंगे जब कोई एजेंडा होगा. इसलिए ये बात भूल जाइए. पंजाब के लोगों ने ही एमएलए बनाना है और पंजाब के लोगों ने ही मुख्यमंत्री बनाना है. इसलिए अपने दिमाग में कोई गलतफहमी न पालें.''


सीएम चन्नी अपनी दावेदारी की मजबूत


वहीं दूसरी ओर सीएम चन्नी ने भी अपने फैसलों और तौर-तरीकों से खूब सुर्खियां बटोकर कर अपनी दावेदारी और मजबूत की है. उन्होंने कहा, ''पंजाब के लोगों का बहुत धन्यवाद. मुझे 111 दिन मिले हैं. मैंने कोशिश की कि 11 साल का काम करूं. लोगों ने पसंद भी किया है. इसलिए आगे भी उम्मीद रखेंगे कि हमारी पार्टी फिर सत्ता में आए और पंजाब के लोगों और पंजाब की तरक्की के लिए काम कर सके.''


मनीष तिवारी ने ट्वीट कर दोनों पर साधा निशाना


इस बीच, काग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चन्नी और सिद्धू दोनों पर ट्वीट कर निशाना साधा. तिवारी ने लिखा, ''पंजाब को ऐसे मुख्यमंत्री की जरूरत है जिसके पास चुनौतियों का समाधान हो और कठिन फैसले लेने की क्षमता हो. पंजाब को ऐसे गंभीर लोगों की जरूरत है जिनकी राजनीति सोशल इंजीनियरिंग, मनोरंजन, मुफ्तखोरी की ना हो और जो लगातार चुनावों में लोगों द्वारा खारिज किए गए शासकों के पसंदीदा न हों.''


वैसे मनीष तिवारी इतना तल्ख इसलिए कह पा रहे हैं क्योंकि उन्हें कैप्टन अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता है और पंजाब की कैंपेन और मैनिफेस्टो कमेटी दोनों में ही मनीष तिवारी को शामिल नहीं किया गया है. लेकिन कांग्रेस के सामने चुनौती ये है कि सीएम के चेहरे की गुत्थी सुलझाने से पहले उसे पंजाब के लिए उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगानी है. सूत्रों की मानें तो टिकट को लेकर भी चन्नी और सिद्धू में विवाद है. इसका मतलब ये हुआ कि उम्मीदवारों की सूची में भी इस झगड़े की छाया दिखाई दे सकती है.


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