Farmers Protest: राजधानी दिल्ली में साल भर बाद एक बार फिर किसानों का जमावड़ा लगने वाला है. फिर एक बार किसान दिल्ली की सड़कों पर उतरकर सरकार की मुसीबतें बढ़ा सकते है. साल 2021 में को किसानों की दिल्ली की सीमाओं से वापसी हुई थी. टिकरी बॉर्डर पर पहुंचने का किसान एक बार फिर प्लान बना रहे है. एमएसपी की गारंटी को लेकर शुरू हुई किसानों की मशाल यात्रा आज हरियाणा के बहादुरगढ़ पहुंच जाएगी.
बहादुरगढ़ के पुराने बस स्टैंड पर पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के हजारों किसान पैदल मार्च करते हुए टिकरी बॉर्डर पर मशाल लेकर पहुंचने वाले है. यहां फिर एक नए आंदोलन का आगाज करने वाले है. पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के किसान एमएसपी गारंटी कानून और सम्पूर्ण कर्जा माफी की मांग के लिए अब धरना देने वाले है.
किसानों का आंदोलन 1 साल पहले हुआ था खत्म
वहीं आपको बता दें कि साल 2021 में 11 दिसंबर को ही किसानों ने आंदोलन को खत्म कर अपने खेतों की ओर वापसी की थी. किसानों की घर वापसी का एक साल भी कल पूरा हो जाएगा. हजारों किसानों की दिल्ली में उपस्थिति सरकार की मुसीबत तो बढ़ा ही सकती है. साथ ही किसानों के लिए पिछली बार झुकने वाली सरकार इस बार क्या फैसला करती है यह भी देखने वाली बात होगी.
भगत सिंह के समाधि स्थल से हुई थी मशाल यात्रा की शुरूआत
किसानों की इस मशाल यात्रा की शुरूआत शहीद भगत सिंह के समाधि स्थल हुसैनीवाला से की गई थी. सरकार पर किसानों के मुद्दे का सामाधान ना करने का आरोप लगाते हे AIKC के संयुक्त समन्वयक हरगोबिंद सिंह तिवारी ने कहा था कि केंद्र सरकार ना तो किसानों के साथ सहयोग कर रही है और ना ही उनके मुद्दों का समाधान कर रही है. कृषि विरोधी कानूनों के विरोध को समाप्त हुए एक साल से अधिक हो गया है, लेकिन किसानों को एमएसपी सुनिश्चित करने का सरकार का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है.
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