पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने उनके खिलाफ दो साल पहले दर्ज एक मामले में अग्रिम जमानत मांगी है. वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि वह तत्कालीन मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास की ओर जा रहे थे, जब उन्हें धारा 144 लागू होने के कारण रोक दिया गया था. इस दौरान एक महिला कांस्टेबल ने कथित तौर पर आप कार्यकर्ताओं को नेताओं द्वारा उकसाया और पुलिस पर पथराव किया गया.
इस दौरान पुलिस ने यहां विधायक छात्रावास के सामने 10 जनवरी 2020 को एक प्रदर्शन के समय पुलिस पर कथित रूप से पथराव करने के आरोप में पंजाब के सीएम भगवंत मान, हरपाल सिंह चीमा, अमन अरोड़ा और आप के 10 नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था. वहीं इस मामले को लेकर चीमा ने अपनी अग्रिम जमानत अर्जी में इस केस में लगाए गए आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है.
बता दें कि हरपाल सिंह चीमा पंजाब में आप पार्टी के बड़े नेता हैं और इस समय पंजाब सरकार में वह शानदार काम कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने पंजाब सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) को लेकर कहा था कि पंजाब के पानी पर पंजाब का हक हैं. इस पानी को हम किसी और प्रदेश में नहीं जाने देंगे, चाहे हमें जो कुर्बानी देनी पड़ जाए. पंजाब सरकार इस लड़ाई को लड़ेगी और एक एक बूंद पानी नहीं जाने देगी. हाल ही में पंजाब सरकार ने अपने बजट को लेकर लोगों से सुझाव मांगे हैं और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि अब तक 1 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं. पंजाब सरकार ने अपने बजट का नाम जनता बजट रखा है.