Punjab News: पंजाब की पटियाला जेल (Patiala Jail) में भूख हड़ताल पर बैठे बलवंत सिंह राजोआना (Balwant Singh Rajoana) ने शुक्रवार को अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है. राजोआना ने पांच दिसंबर से भूख हड़ताल शुरू की थी. बलवंत सिंह राजोआना को पूर्व सीएम बेअंत सिंह (Beant Singh) की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है. राजोआना के भूख हड़ताल पर बैठने को लेकर श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से पांच सिंह साहिबों की आपात बैठक बुलाई गई थी. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रंबधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) की तरफ से राजोआना से भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की गई थी.
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के नेतृत्व में उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बलवंत सिंह राजोआना से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद राजोआना को स्वर्ण मंदिर से लाया गया जल पिलाया गया और भूख हड़ताल खत्म करवाई गई. बलवंत सिंह राजोआना पटियाला की जेल में बंद है. उसकी भूख हड़ताल खत्म करवाने के लिए तीन दिन से कोशिशें की जा रही थीं.
ज्ञानी रघबीर सिंह ने मांगा था मिलने का समय?
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने जेल विभाग से बलवंत सिंह राजोआना से मिलने का समय मांगा गया था. इसके बाद जेल विभाग से अनुमति मिलने के बाद ज्ञानी रघबीर सिंह, SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी और तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह ने बलवंत सिंह राजोआना से शुक्रवार सुबह मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद ही राजोआना हड़ताल खत्म करने के लिए राजी हुआ.
क्यों भूख हड़ताल पर बैठा था राजोआना?
31 अगस्त 1995 को पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या कर दी गई थी. मानव बम ने बेअंत सिंह की कार के पास खुद को उड़ा लिया था. इसी हत्या के मामले में बलवंत सिंह राजोआना को फांसी की सजा सुनाई गई है. साल 2012 में बलवंत सिहं राजोआना ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी थी. लेकिन, याचिका पर अब तक कोई फैसला नहीं आया. इससे नाराज होकर राजोआना ने एसजीपीसी और शिरोमणि अकाली दल से इस याचिका को 5 दिसंबर तक वापस लेने की मांग की थी. 5 दिसंबर तक ऐसा नहीं हुआ तो बलवंत सिंह राजोआना भूख हड़ताल पर बैठ गया था.
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