Punjab News: पंजाब सरकार का पराली को लेकर बड़ा फैसला, ईंट भट्ठों के ईंधन में 20 प्रतिशत होगी इस्तेमाल
Punjab: पंजाब के ईंट भट्ठों के मालिकों को यह सुनिश्चित करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है. वहीं अगले साल एक मई के बाद इसे लागू नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
Punjab Straw: पंजाब सरकार ने रविवार को ईंट भट्ठों के लिए यह अनिवार्य कर दिया कि उनके ईंधन का 20 प्रतिशत पराली होना चाहिए. पंजाब के पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि इस फैसले से पराली प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को पुआल बेचकर आर्थिक रूप से फायदा होगा. उन्होंने कहा कि अधिसूचना के बाद, ईंट भट्ठों के मालिकों को यह सुनिश्चित करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है कि 20 प्रतिशत ईंधन पराली के गोले हों. अगले साल एक मई के बाद इसे लागू नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
पराली से बिजली पैदा करने के भी हो रहे प्रयास
पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग इस मामले में ईंट भट्ठों को हर तरह की तकनीकी सहायता मुहैया कराएगा. हेयर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पराली प्रबंधन में किसानों की मदद करने और पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए इसका प्रबंधन किया जा रहा है. पंजाब के किसानों को पराली के यथा-स्थान प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर 1.25 लाख मशीन उपलब्ध कराई गई हैं. हेयर ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि खेत के बाहर पराली प्रबंधन के लिए उद्योगों को ईंधन के रूप में इसका इस्तेमाल करने को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पराली से बिजली पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
पंजाब के प्रदूषण में बढ़ोतरी
बता दें कि पंजाब में पिछले दो महीने में पराली जलाने की 43,144 मामले दर्ज हुईं हैं, जिसमें साल 2021 की तुलना में 27% की कमी दर्ज की गई. शनिवार को पंजाब में पराली जलाने की कुल 2467 मामले दर्ज हुए जिसमें बठिंडा में सबसे अधिक 358 मामले दर्ज हुए. वहीं पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों की मानें तो 15 सितंबर से 12 नवंबर के बीच पराली जलाने के 43,144 मामले दर्ज हुए. पराली जलाने की वजह से राज्य में प्रदूषण में भी काफी बढ़ोतरी हुई है और इसके लिए पंजाब में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 'मध्यम' और 'खराब' श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया.