शहीदों के परिजनों के साथ खड़ी पंजाब सरकार
Punjab News: पंजाब के शहीदों के परिवारों की देखरेख के लिए राज्य सरकार ने कई उपाय किए हैं, जैसे एक करोड़ रुपये की सहायता, बढ़ी हुई पेंशन और मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत मुलाकात.
देश की सीमा पर शहीद होने वाले जवानों की जब बात आती है, तो सबके जेहन में पंजाब का नाम सबसे पहले आता है.
पंजाब के वीर सपूतों ने अपनी मातृभूमि, भारतभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर दिया है. देश की फौज में शामिल पंजाब के जवान सीमा पर सुरक्षा और शांति के लिए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं.
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान शहीदों के परिवारों के साथ हर कदम पर खड़े हैं.
पंजाब सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि शहीदों के परिजनों को समय से सभी सुविधा का लाभ मिल सके और उनकी देखभाल में कोई कमी न हो.
शहीदों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की सहायता
इसी को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने पंजाब के शहीदों के वारिसों, परिजनों को एक करोड़ रुपये की सहायता दे रही है.
इसके अलावा युद्ध विधवाओं के लिए पेंशन 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रतिमाह, ब्लू स्टार प्रभावित धर्मी फौजियों की सहायता राशि 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये प्रतिमाह और युद्ध जागीरों की पेंशन 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष कर दी है. सैनिक कल्याण सेवाओं की लिए मान सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 74 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है.
मुख्यमंत्री स्वयं शहीदों के परिजनों से मिल रहे
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं कि पंजाब के हमारे वीर सपूत देश और पंजाब की रक्षा करने के लिए, शांति बनाए रखने के लिए अपनी जान की बाज़ी लगा देते हैं. उनका और उनके परिवारों का खयाल रखना हमारी और समाज की जिम्मेदारी होती है. देश की रक्षा के लिए शहीद होने वाले पंजाब के जवानों के परिवारजनों/वारिसों को एक करोड़ रुपये का सहायता चेक सौंपने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान स्वयं उनके घर जा रहे हैं.
इस योजना से शहीदों के परिवारों को बड़ी मदद मिल रही है. पंजाब सरकार के इस महत्वपूर्ण और संवेदनशील कार्य के चलते शहीदों के परिजनों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ रहा है. पंजाब के शहीदों का सही मायने में सम्मान मान सरकार ही कर रही है.
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