Punjab News: पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को इस बार सात तारीख होने के बावजूद वेतन नहीं मिला है. इससे स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों समेत परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग के सभी कर्मचारियों का वेतन नहीं मिल पा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि आमतौर पर पांच तारीख तक वेतन मिल जाता है, लेकिन इस बार सात तारीख तक वेतन नहीं आया. इससे बच्चों की स्कूल फीस, घर का राशन, किस्त आदि काफी प्रभावित हो रहा है.


कर्मचारी कल्याण संघ (स्वास्थ्य विभाग) अमृतसर के अध्यक्ष डॉ. राकेश शर्मा ने कहा कि सरकार को ज्ञापन भेजा जा रहा है, हम 10 बजे तक इंतजार करेंगे नहीं तो संघर्ष शुरू हो जाएगा. इस बीच खबर है कि पंजाब सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक से 1000 करोड़ रुपये उधार लेगी. उधर,  पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सैलेरी रिलीज की गई है.


अगस्त महीने की सैलरी अभी तक नहीं मिली
दरअसल पंजाब सरकार के कर्मचारियों को अगस्त महीने का वेतन सितंबर महीने की सात तारीख तक भी नहीं मिला है जबकि आम तौर पर वेतन महीने की पहली तारीख को मिल जाता है. कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने की वजह से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब सिविल सचिवालय स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष जसप्रीत रंधावा ने कहा कि कर्मचारियों ने वेतन का मुद्दा उच्च अधिकारियों के सामने उठाया है.  मगर सात तारीख तक भी अगस्त महीने की तनख्वाह नहीं मिली है. जबकि उन्हें तनख्वाह महीने की पहली तारीख को मिल जाती है. 


लोगों को खर्च चलाना हो रहा मुश्किल
जसप्रीत रंधावा ने कहा की तनख्वाह में देरी का क्या कारण है इसका उन्हें पता नहीं और सरकार की वित्तीय हालत क्या है इससे उन्हें क्या करना है. क्योंकि उन्हें तो सरकार के लिए काम करने के लिए तनख्वाह समय पर दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा की तमाम कर्मचारियों को अपने घर का खर्चा चलाना होता है और बैंक के कर्जों की इंस्टॉलमेंट्स भी देनी होती हैं, जो महीने की पांच तारीख तक दी जाती हैं मगर तनख्वाह नहीं मिलने की वजह से हर कोई परेशान हो रहा है.


कांग्रेस नेता ने लगाया ये आरोप
वहीं कांग्रेस नेता परगट सिंह ने कहा जब कुछ भी करना हो तो अपनी पॉकेट जरूर देखनी पड़ेगी. पुलिस विभाग के कर्मचारी जो करीब 24 घंटे ड्यूटी करते है इनका मोरल केसे विकसित करेंगे. जिन सेहत और एजुकेशन के मुद्दे पे ग्रैंटी दी जा रही थी वो भी आज सैलरी का वेट कर रहे हैं. मुफ्त की चीजें छोड़ देनी चाहिए. जब महिलाओं को हमारी सरकार में मुफ्त सफर दिया गया तब मैं भी इसका विरोध कर रहा था. अब आप छोटे से छोटे काम की भी पब्लिसिटी कर रहा है. खबर के रूप में विज्ञापन दिए जा रहे हैं. आम लोगों को भी पता नहीं लग रहा कि ये विज्ञापन या खबर है. जब कर्मचारियां को सैलरी टाइम पे नहीं मिली तो उन पर अविश्वास पैदा हो जायेगा. मुझे लगता है सैलरी के लिए लोन लेना पड़ेगा.


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