Punjab News: पंजाब में ड्रग्स के मुद्दे को लेकर भगवंत मान की सरकार एक्शन में है. पंजाब की भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार ने ड्रग्स से संबंधित मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल का पुनर्गठन किया है. इस मामले में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया आरोपी हैं. बिक्रम मजीठिया फिलहाल पटियाला की जेल में हैं और उनकी रेगुलर जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. बिक्रम मजीठिया की मुश्किलें अब और ज्यादा बढ़ सकती हैं.


शिअद-भाजपा सरकार में मंत्री रहे मजीठिया के खिलाफ पिछले साल 20 दिसंबर को स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ कानून (एनडीपीएस) के तहत मामला दर्ज किया गया था. एक आदेश के अनुसार, एसआईटी का गठन पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) गुरशरण सिंह संधू की निगरानी में किया गया है. एसआईटी के अन्य सदस्यों में सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) राहुल एस. और रंजीत सिंह ढिल्लों, पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) रघबीर सिंह और अमरप्रीत सिंह शामिल हैं.


कांग्रेस पर लगाए हैं आरोप


इससे पहले चरणजीत सिंह नीत सरकार द्वारा गठित एसआईटी का नेतृत्व एआईजी बलराज सिंह कर रहे थे. राज्य की अपराध शाखा ने मजीठिया (46) के खिलाफ पिछले साल अपने मोहाली थाने में 49 पृष्ठों की प्राथमिकी दर्ज की थी. मजीठिया शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं.


विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने बिक्रम मजीठिया के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था. भगवंत मान ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल की मिलीभगत के चलते ड्रग्स मामले का समाधान नहीं हो रहा है. आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर बिक्रम मजीठिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाती रही है.


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