Punjab News: पंजाब सरकार अब तक किसान आंदोलन के दौरान मारे गए लगभग 400 किसानों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दे चुकी है. राज्य सरकार ने मृतक किसानों के 152 निकट संबंधी को रोजगार भी प्रदान किया है.  पंजाब सरकार के अधिकारियों ने फरीदकोट, पठानकोट और रोपड़ को छोड़कर 20 जिलों के मृतक किसानों के कुल 381 मामले पाए हैं, जहां उनके परिजनों को सरकारी नौकरी दी जा सकती है.  सबसे ज्यादा 61 मृतक किसानों के मामले संगरूर जिले में पाए गए हैं और इनमें से 31 परिजनों को अब तक नियुक्ति पत्र सौंपे जा चुके हैं.


भठिंडा में 23 नियुक्ति पत्र सौंपे गए हैं


वहीं भठिंडा जिला कुल 53 मामलों के साथ दूसरे नंबर पर है. यहां 23 नियुक्ति पत्र सौंपे जा चुके हैं.  मनसा जिले में नौकरी के लिए कुल 47 एलिजिबल पाए गए हैं, लेकिन यहां अभी तक मृतक किसानों के परिवार के केवल 10 सदस्यों को ही यहां नौकरी प्रदान की गई है.


जिला स्तर से वेरिफिकेशन रिपोर्ट का हो रहा इंतजार


टीओआई में छपी रिपोर्ट के मुताबिक स्पेशल चीफ सेक्रेटरी कम फाइनेंशियल कमिश्नर, रेवेन्यू और रिहैबिलिटेशन डिपार्टमेंट विजय कुमार जंजुआ ने बताया, “यह एक सतत प्रक्रिया है और जैसे ही सरकार को जिला स्तर से वेरिफिकेशन रिपोर्ट मिलती है, वैसे ही एलिजिबल परिवार के सदस्यों को उनकी क्वालिफिकेशन के अनुरूप नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे."


मारे गए किसानो के नाम पर स्मारक भी बनेगा


बता दें कि पंजाब कैबिनेट ने अगस्त में फैसला किया था कि मृतक किसान के माता, पिता, विवाहित भाई या बहन, विवाहित बेटी, बहू और पोते-पोती अनुकंपा के आधार पर एकमुश्त रोजगार के लिए पात्र होंगे.  पंजाब में आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनजर  मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने 20 नवंबर को किसानों के विरोध के दौरान मारे गए किसानों के नाम पर एक स्मारक की भी घोषणा की थी.


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