Punjab News: खनन माफियाओं की धरपकड़ के लिए पंजाब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई है जो चौबीस घंटे अवैध खनन की निगरानी करेंगे. इसके अलावा सरकार की ड्रोन निगरानी, परिवहन अनुमति, बारकोड स्कैनर के साथ जीपीएस स्थलों से ट्रकों के लिए एक प्रवेश और निकास बिंदु शुरू करने की भी योजना है.
केंद्र सरकार को सौंपी विस्तृत रिपोर्ट
पंजाब सरकार के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन निदेशालय ने केंद्र सरकार को इस बाबत एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है, जिसके अनुसार अवैध की निगरानी के लिए 360 डिग्री रिकॉर्डिंग करने वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है, इसके अलावा इसकी निगरानी के लिए जिला स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है और और खनन स्थलों पर खनन ठेकेदारों द्वारा सीमाओं का सीमांकन किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एनजीटी द्वारा नियुक्त पांच सदस्यीय पैनल द्वारा निगरानी के अलावा पर्यावरण मंजूरी प्रमाण पत्र की शर्तों की निगरानी का कार्य पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों को भी सौंपा गया है.
सीमा निर्धारण के लिए हो रहा रिमोट सेंसिंग का इस्तेमाल
रिपोर्ट के मुताबिक रेत खनन स्थलों और उनके आसपास कानूनी और अवैध रेत खनन की सीमा को वैज्ञानिक रूप से निर्धारित करने के लिए रिमोट सेंसिंग डेटा जैसी डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. बता दें कि पिछले सा एनजीटी के एक आदेश के बाद राज्य द्वारा गठित निरीक्षण समिति ने खनन स्थलों की निगरानी के लिए रिमोट सेंसिंग डेटा या गूगल अर्थ सॉफ्टवेयर के उन्नत संस्करण की आवश्यकता पर बल दिया था.
भविष्य में बनाया जाएगा मॉडल खनन स्थल
रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध खनन को रोकने के लिए भविष्य में एक मॉडल खनन स्थल विकसित करने की योजना पर भी काम किया जायेगा. पंजाब सरकार द्वारा केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रभाव मूल्यांकन विभाग को रिपोर्ट सौंपी गई है. निगरानी तंत्र स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ने उपायुक्त के अधीन एक जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन करने का निर्णय लिया है, जिसमें पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारी जैसे जिला वन अधिरारी और जिला परिवहन अधिकारी शामिल होंगे.
यह भी पढ़ें:
Punjab News: दिल्ली और पंजाब सरकार की तैयारी, पराली नहीं जलाने पर किसानों को देंगे प्रोत्साहन राशि