पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी (Manisha Gulati) को सेवा में तीन साल का विस्तार देने संबंधी सितंबर 2020 में जारी अपना पत्र वापस ले लिया और उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया. सामाजिक सुरक्षा एवं महिला तथा बाल विकास विभाग ने 18 सितंबर, 2020 के पत्र को वापस ले लिया. अतिरिक्त मुख्य सचिव कृपा शंकर सरोज ने मंगलवार को कहा कि उन्हें सेवा विस्तार देने वाला पत्र जारी करना एक ‘‘वास्तविक गलती’’ थी.


मनीषा गुलाटी को दिया गया एक्सटेंशन वापस
अतिरिक्त मुख्य सचिव कृपा शंकर  सरोज ने मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा कि पंजाब राज्य महिला आयोग अधिनियम, 2001 के तहत तीन साल के कार्यकाल के बाद किसी मौजूदा अध्यक्ष या आयोग के सदस्यों के कार्यकाल में विस्तार का कोई प्रावधान नहीं है. नोटिस में कहा गया है कि मनीषा गुलाटी को एक्सटेंशन देते समय उन्होंने महिला आयोग से कोई मशविरा नहीं लिया था. इसलिए मनीषा गुलाटी को दिया गया एक्सटेंशन वापस लिया जा रहा है.


कैप्टन की करीबी मानी जाती है गुलाटी
मनीषा गुलाटी को पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का काफी करीबी माना जाता है. 20 फरवरी 2022 के चुनाव से पहले मनीषा गुलाटी बीजेपी में में शामिल हो गई थी. उन्हें केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह खेखावत और बीजेपी महिला मोर्चा की प्रधान मोना जायसवाल ने बीजेपी में शामिल कराया था.  


वही आपको बता दें कि मनीषा गुलाटी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के वीडियो लीक मामले के समय सुर्खियों में आई थी. हॉस्टल छात्रा द्वारा वीडियो शिमला में अपने बॉयफ्रेंड को भेजने के मामले में गुलाटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि ना ही कोई वीडियो रिकॉर्ड हुआ है और ना ही कहीं भेजा गया है इसके बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने गुलाटी को घेरते हुए कहा था कि महिला आयोग के दफ्तर भी अब किटी पार्टी के कार्यालय बनकर रह गए है.


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