Punjab News: पराली जलाने के खिलाफ अभियान से छात्रों को जोड़ेगी पंजाब सरकार, किसानों को करेंगे जागरुक
Punjab News: राज्य सरकार विश्वविद्यालयों में जाकर छात्रों को इस अभियान से जोड़ेगी, इसके अलावा पराली को जलाने से रोकने के लिए सरकार बायो-डीकंपोजर का भी छिड़काव कराएगी.
Chandigarh News: जैसे-जैसे धान की कटाई का समय नजदीक आता जा रहा है, वैसे ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. क्योंकि किसान जल्दी से खेत को साफ करने के चक्कर में धान की पराली में आग लगा देते हैं और इसका खामियाजा वायू प्रदूषण के रूप में लोगों को उठाना पड़ता है. दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग राज्यों में बड़े पैमाने पर धान की खेती की जाती है. पंजाब उनमें से प्रमुख है. पंजाब में इस बार किसान पराली न जलाएं इसके लिए सरकार छात्रों की मदद से जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है.
छात्र करेंगे किसानों को जागरूक
पराली जलाने और पर्यावरण की सुरक्षा के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए चार वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों ने सोमवार को विशेषज्ञों के साथ बैठक की. पंजाब सरकार के चार मंत्रियों कुलदीप सिंह धालीवाल, गुरमीत सिंह मीत हेयर, अमन अरोड़ा और हरजोत बैंस ने पराली को जलने से रोकने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है, जिसमें एक बड़ा जागरूकता अभियान भी शामिल है जिसे पटियाला स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में 27 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा.
विश्विद्यालय जाकर छात्रों को अभियान से जोड़ेगी सरकार
अभियान के पहले चरण में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों को शामिल किया जाएगा. विशेषज्ञ उन्हें पराली जलाने के हानिकारक प्रभावों और फसल अवशेषों के प्रबंधन से अवगत कराएंगे. पंजाब यूनिवर्सिटी के बाद 28 सितंबर को लुधियाना स्थित पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, और अमृतसर स्थित गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में इसको लेकर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे. इसके बाद छात्र गांवों का दौरा करेंगे और किसानों को पराली जलाने के दुष्परिणामों के बारे में अवगत कराएंगे.
हैप्पी सीडर मशीनों पर सब्सिडी के आवेदन की समयसीमा बढ़ी
वहीं कृषि मंत्री धालीवाल ने कहा कि हैप्पी सीडर मशीनों पर सब्सिडी के लिए आवेदन की समय सीमा 15 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है. उन्होंने कहा कि मिट्टी में पराली को अवशोषित करने के लिए, कृषि विभाग एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 5,000 एकड़ में डी-डीकंपोजर घोल का छिड़काव करेगा. वहीं मीत हेयर ने कहा कि राज्य सरकार धान के भूसे को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने वाले पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों को प्रोत्साहित करेगी.
ईंट-भट्ठों को लेकर किया गया ये ऐलान
उन्होंने आगे कहा कि सरकार एक योजना पर भी काम कर रही है, जिसके अनुसार ईंट-भट्ठों के लिए धान के भूसे का कुछ प्रतिशत ईंधन के रूप में उपयोग करना अनिवार्य होगा. यह नियम अन्य उद्योंगे के लिए भी लागू किया जाएगा.