Punjab: पंजाब में राज्यपाल-मान सरकार के बीच खत्म नहीं हुई खींचतान? जानें- क्यों उठ रहे हैं सवाल
Punjab Governor Vs Government: पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने तीन विधेयकों को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखा है. इस पर वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सलाह के बाद ही फैसला लेंगे.
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Punjab News: पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित (Banwarilal Purohit) और भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार के बीच टकराव अभी खत्म नहीं हुआ है. राज्यपाल ने मान सरकार की तरफ से स्वीकृति के लिए भेजे गए तीन विधेयकों पर रोक लगा दी है. राजभवन की ओर से राज्य सरकार को सूचना दी गई है कि उन्होंने संविधान के अनुच्छेद-200 के तहत तीन विधेयकों को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखा है. इस पर वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सलाह के बाद ही फैसला लेंगे. बीते 19-20 जून को ये विधेयक विधानसभा सत्र के दौरान पारित किए गए थे.
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने जिन तीन विधेयकों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विचार के लिए रखा है, उनमें से एक सीएम को प्रदेश के विश्वविद्यालयों का चांसलर बनाने का विधेयक है, जो पंजाब विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2023 है. इसके अलावा दूसरा विधेयक सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023 है, जिसमें स्वर्ण मंदिर से गुरबाणी का निशुल्क प्रसारण सुनिश्चित करना है. अब तक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से सिर्फ एक निजी चैनल को प्रसारण का अधिकार दिया गया है. वहीं तीसरा विधेयक है पंजाब पुलिस (संशोधन) विधेयक, 2023, इस विधेयक के अनुसार, राज्य के डीजीपी पद पर उपयुक्त व्यक्तियों के चयन और नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र प्रक्रिया तंत्र स्थापित करने का प्रावधान किया गया है.
राज्यपाल ने विधानसभा सत्र को बताया था अवैध
बता दें कि इसी साल 19-20 जून को पंजाब सरकार की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाया गया था. इसे राज्यपाल की तरफ से अवैध बताया गया था और इस सत्र के दौरान पारित विधेयकों को स्वीकृति नहीं दी थी. इसके बाद पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राज्यपाल को फटकार लगाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया था कि राज्यपाल की शक्ति का उपयोग कानून बनाने की प्रक्रिया को विफल करने के लिए नहीं किया जा सकता है. अब फिर से एक बार राज्यपाल की तरफ से तीन विधेयकों को मंजूरी नहीं दी गई है.
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