पंजाब की सियासी सर सरगर्मी और बढ़ने वाली है. जहां पंजाब की नई आप सरकार एक्शन में है वहीं पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित भी एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. पंजाब के राज्यपाल अप्रैल के महीने में 6 जिलों में जनसंपर्क करेंगे जिसे लेकर डिप्टी कमिश्नरों को राज्यपाल की सुरक्षा के प्रबंध के निर्देश दे दिए हैं. राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित 6 बॉर्डर जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन फिरोजपुर और फाजिल्का में जनसंपर्क कर जनता और बीएसएफ अफसरों से सीधे बात करेंगे.
माना जा रहा है कि पंजाब के राज्यपाल के इस दौरे को लेकर पंजाब की राजनिती में हलचल तेज हो गई है. पंजाब की राजनीतिक पार्टियों का मानना है कि केंद्र सरकार देश के संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है. क्योंकि पंजाब में पहले तो भाखड़ा ब्यास मैनजमेंट बोर्ड में पंजाब इंजीनियर्स की सदस्यता के लिए शर्त लगाई. इसके बाद चंडीगढ़ में यूटी कैडर के अफसरों की नियुक्ति और कर्मचारियों पर पंजाब की बजाय केंद्रीय सर्विस लागू की.
इसी बीच अब राज्यपाल का जिलों का दौरा है, इससे साफ है कि केंद्र सरकार पंजाब के संवैधानिक अधिकारों पर कैंची चला रही है. इस दौरे का फैसला राज्यपाल ने 26 मार्च को ही ले लिया था और दौरे की तारीख फाइनल करने से पहले राज्यपाल ने डीजीपी वीके भावरा ने और मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी के साथ जॉइंट मीटिंग की थी.
खबरों की मानें तो राज्यपाल 6 जिलों की जीमीन हकीकत जानने के लिए दौरा करेंगे. इस दौरान वह आम जनता से बातचीत करके उनकी समस्याओं को भी जानेंगे और वह पंजाब के इन 6 जिलों की जनता से जानना चाहते हैं कि गृह मंत्रालय द्वारा बीएसएफ का दायरा बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने के बाद इन गावों को क्या फायदा हुआ और इनकी क्या परेशानियां बढ़ी है.