Punjab News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राज्यपालों को थोड़ा आत्मावलोकन करने का सुझाव देते हुए सोमवार (6 नवंबर) को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) को पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) के तरफ से पारित विधेयकों पर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित (Banwarilal Purohit) की ओर से उठाए गए कदमों पर अद्यतन स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राज्यपालों को मामले सुप्रीम कोर्ट में आने से पहले ही विधेयकों पर कार्रवाई करनी चाहिए.


पंजाब के राज्यपाल की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि राज्यपाल ने उनके पास भेजे गए विधेयकों पर कार्रवाई की और पंजाब सरकार की तरफ से दायर याचिका एक अनावश्यक मुकदमा है. पीठ में न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं. पीठ ने कहा, ‘‘राज्यपालों को मामला सुप्रीम कोर्ट आने से पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए. इसे खत्म करना होगा कि राज्यपाल तभी काम करते हैं जब मामला सुप्रीम कोर्ट आता है.


10 नवंबर को होगी सुनवाई


राज्यपालों को थोड़ा आत्मावलोकन की आवश्यकता है और उन्हें पता होना चाहिए कि वे जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं हैं.’’ उसने कहा, ‘‘सॉलिसिटर जनरल कह रहे हैं कि पंजाब के राज्यपाल ने कार्रवाई की है और एक अद्यतन स्थिति रिपोर्ट कुछ दिन में पेश की जाएगी. याचिका को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें तथा अदालत को राज्यपाल के तरफ से की गयी कार्रवाई के बारे में बताएं.’’ सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 10 नवंबर की तारीख तय की.


उल्लेखनीय है कि पंजाब के राज्यपाल का मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार के साथ कुछ मुद्दों पर टकराव है. पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखने के कुछ दिनों बाद उन्हें भेजे गए तीन में से दो विधेयकों को एक नवंबर को अपनी मंजूरी दे दी थी. इस पत्र में उन्होंने कहा था कि विधेयकों को विधानसभा में पेश करने की अनुमति देने से पहले वह सभी प्रस्तावित कानूनों की गुण दोष के आधार पर जांच करेंगे. विधानसभा में धन विधेयक पेश करने के लिए राज्यपाल की मंजूरी की जरूरत होती है.


विधेयकों को मंजूरी देने से इंकार


पुरोहित ने पंजाब माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक- 2023 और भारतीय स्टांप (पंजाब संशोधन) विधेयक-2023 को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल ने 19 अक्टूबर को मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में तीन धन विधेयकों को अपनी मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने पंजाब राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन) विधेयक-2023, पंजाब माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक- 2023 और भारतीय स्टांप (पंजाब संशोधन) विधेयक- 2023 को मंजूरी नहीं दी थी, जिन्हें 20-21 अक्टूबर के विधानसभा सत्र के दौरान सदन में पेश किया जाना था. राज्यपाल ने विधानसभा के 20-21 अक्टूबर के सत्र को ‘अवैध’ बताया था और कहा था कि इस सत्र में किया गया कोई भी विधायी कार्य ‘गैर-कानूनी’ होगा.


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