Punjab News: पंजाब सरकार (Punjab Government) और राज्यपाल के बीच विवाद को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई की गई. इस दौरान सरकार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने को लेकर पंजाब आम आदमी पार्टी (AAP) ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया है. पंजाब आप ने इसे लोकतंत्र और राज्य के लोगों की जीत करार दिया है.


इसे लेकर आप के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भारत का संविधान जनता की तरफ से चुने हुए प्रतिनिधियों को राज्य पर शासन का अधिकार देता है, लेकिन राज्यपालों के जरिए इस शासन पर नियंत्रित करने की कोशिश की जाती है.


'राज्यपाल के पद की गरिमा को ठेस पहुंची'


मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि मोदी सरकार ने राज्यपाल से राजनीतिक हस्तक्षेप करवाकर राज्यपाल पद की गरिमा को नुकसान पहुंचाने का काम किया है. पंजाब में राज्यपाल के पद की गरिमा को ठेस पहुंची है. कंग ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के वकील से सवाल किया कि जब पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची जिसके बाद भी राज्यपाल ने लंबित बिलों को पास क्यों नहीं किया. इसपर वकील की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया. 


‘चुनी हुई सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण’


कंग ने कहा कि संविधान के अनुसार राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रधान होता है. लेकिन, संविधान में यह भी स्पष्ट तौर पर लिखा है कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार ही काम करने के लिए बाध्य होता है, क्योंकि चुनी हुई सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण माना जाती है. कंग ने कहा कि राज्यपाल ने जिस तरह पंजाब सरकार के कामकाज में दखलंदाजी की उससे पंजाब को काफी नुकसान पहुंचा है.


विपक्षी दलों की भी की आलोचना


इसके अलावा कंग ने राज्यपाल का हर बार समर्थन करने पर पंजाब के विपक्षी दलों की भी आलोचना की है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर की है कि राज्य सरकारें विधानसभा से पारित बिलों को राज्यपाल से पास कराने के लिए बार-बार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाती हैं. 


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