Punjab Politics: पंचायतें भंग करने के मामले में बैकफुट पर सरकार, अब ये फैसला भी किया रद्द, मजीठिया बोले- 'तानाशाहों ने मान ली हार'
पंचायतों को भंग करने का फैसला वापस लेने के बाद विपक्षी दल लगातार भगवंत मान सरकार पर हावी है. अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने सीएम मान सरकार को 'यू-टर्न सरकार' बताया.
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Punjab News: पंचायतों को भंग करने का फैसला वापस लेने के बाद भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार पहले ही विपक्षी दलों के निशाने पर है. दूसरी तरफ अब सभी पंचायतों से जुड़े बैंक खातों को फ्रीज करने के आदेश वापस लिए जाने के बाद अब पंजाब सरकार बैकफुट पर आ गई है. जिससे प्रदेश की विपक्षी पार्टियों ने आप सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा है.
‘तानाशाही की हार’
अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने ट्वीट में लिखा कि जनता की जीत, तानाशाह भगवंत मान की हार, पंजाबियों के दबाव के सामने तानाशाहों ने हार मान ली. आपका एक और यू-टर्न. यू-टर्न सरकार.
राजा वड़िंग ने भी साधा निशाना
पंजाब कांग्रेस के मुखिया अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी भगवंत मान सरकार निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही थी जो नहीं हो सका. पंचायतें भंग करने का फैसला वापस लेने को उन्होंने पंजाब सरकार के मुंह पर तमाचा बताया था.
'मुंह की खानी पड़ी है'
वहीं यूथ कांग्रेस अध्यक्ष मोहित मोहिंद्रा ने आप सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कि सीएम भगवंत मान के तानाशाही फैसले को मुंह की खानी पड़ी है. पंचायतें भंग करने के फैसले को उन्होंने लोकतंत्र की जीत बताते हुए कहा कि पंजाब सरकार का तानाशाही रवैया हमेशा परास्त होता रहेगा.
‘10 अगस्त को जारी हुआ था आदेश’
आपको बता दें कि पंजाब सरकार की तरफ से 10 अगस्त को राज्य की 13241 पंचायतें भंग करने का आदेश जारी किया गया था. पंचायतों का 5 साल का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उन्हें भंग कर दिया गया था. इसके बाद सरकार के इस फैसले के खिलाफ पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई तो कोर्ट ने फैसले को लेकर सरकार को फटकार लगाई. जिसके बाद सरकार ने फैसला वापस ले लिया. वहीं 31 अगस्त को सभी पंचायतों से जुड़े बैंक खातों को फ्रीज करने के आदेश दिया गया था. सरकार को इस आदेश को भी वापस लेना पड़ा.
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