Haryana News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर हरियाणा के सरपंचों पर शनिवार रात बड़ा एक्शन लिया गया. पुलिस ने रात 10 बजे के करीब सरपंचों के बोरिया बिस्तर को वहां से समेटना शुरू किया तो सरपंच इसका विरोध करने लगे. जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए करीब 50 से ज्यादा सरपंचों को हिरासत में ले लिया. करीब 80 घंटे बाद पुलिस ने धरना स्थल को खाली करा लिया. वही हिरासत में लिए सरपंचों को देर रात रिहा कर दिया गया.
हाईकोर्ट ने क्या दिया आदेश
शनिवार दोपहर को ई-टेंडरिंग मामले में सरपंचों के विरोध को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई की गई. इस दौरान कोर्ट ने सरकार पर भी सवाल उठाए गए. कोर्ट ने कहा इतनी बड़ी संख्या में लोग हाउसिंग बोर्ड के पास कैसे इकट्ठा हो गए किसकी तरफ से अनुमति दी गई थी. कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर मुस्तैदी से काम किया जाता तो इस प्रकार की स्थिति बनने की नौबत ही नहीं आती. कोर्ट द्वारा सरकार पर उठाए गए सवालों के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सरपंचों के धरना स्थल को खाली कराया.
9 मार्च को सरपंचों की सीएम से वार्ता
सरपंचों द्वारा अब पुलिस की कार्रवाई का विरोध जताया जा रहा है. अब 9 मार्च सरपंचों की मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बातचीत होगी. सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रणवीर सिंह समैण ने पुलिस कार्रवाई का विरोध जताते हुए कहा कि अगर 9 मार्च को सीएम से होने वाली वार्ता भी विफल होती है तो वो 11 मार्च को करनाल की तरफ कूच करेंगे. वहां सीएम आवास का घेराव किया जाएगा. समैण ने कहा जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
क्यों धरना दे रहे थे सरपंच?
हरियाणा सरकार द्वारा ई-टेंडरिंग नीति लागू की गई है. जिसका विरोध करते हुए सरपंच पंचकूला-चंडीगढ़ सीमा पर 1 मार्च से धरना दे रहे थे. इस रोड से रोजाना हजारों लोग चंडीगढ़ स्थित दफ्तरों में जाते हैं. धरने की वजह से उन लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही थी. पंचकूला के सेक्टर-17 के निवासियों ने तो इसको लेकर पंचकूला जिला प्रशासन तथा विधानसभा स्पीकर को भी शिकायत की थी.
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