पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से कवि कुमार विश्वास और भारतीय जनता पार्टी के नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने दोनों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के निर्देश दिए हैं. अदालत के फैसले के बाद कुमार विश्वास ने प्रतिक्रिया दी.


कुमार विश्वास ने लिखा- सरकार बनते ही,मुझ पर FIR करके असुरक्षित आत्ममुग्घ बौने ने जो पंजाब-पुलिस मेरे घर भेजी थी उस बेबुनियाद FIR को आज उच्च न्यायालय पंजाब ने ख़ारिज कर दिया.न्यायपालिका व मुझे प्यार करने वालों का आभार. प्यारे अनुज भगवंत मान को पुनः सलाह कि पंजाब के स्वाभिमान को बौनी-नज़रों से बचाए.



अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द होने के बाद तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ट्वीट किया- पंजाब हाई कोर्ट का अरविंद के मुंह पर करारा थप्पड़. मेरे ख़िलाफ़ की गई FIR को ग़लत बताते हुए FIR को रद्द किया गया



बग्गा और विश्वास पर क्यों दर्ज हुई थी एफआईआर


बीजेपी नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ आम आदमी पार्टी के नेता डॉक्टर सनी सिंह ने इस साल एक अप्रैल को मोहाली में धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में एक केस दर्ज कराया था. दरअसल बग्गा ने 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी के बाद उन पर निशाना साधा था. उन्होंने केजरीवाल को कश्मीरी पंडित विरोधी बताया था. 


वहीं कवि कुमार विश्वास पर रोपड़ में केस दर्ज कराया गया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को खालिस्तान समर्थक बताया है. शिकायत दर्ज कराने वाले का कहना था कि कुमार विश्वास के इस बयान से आम आमदी पार्टी की छवि खराब हुई है. उसका कहना था कि इसकी वजह से जब वह प्रचार करने गए तो उन्हें खालिस्तान समर्थक कहा गया. मामला दर्ज होने के बाद पंजाब पुलिस कवि के गाजियाबाद स्थित कुमार विस्वास के घर भी गई थी. पुलिस ने जांच में शामिल होने को भी कहा था. इसके खिलाफ कुमार विश्वास हाईकोर्ट चले गए थे.


बग्गा की गिरफ्तारी पर हाई वोल्टेज ड्रामा
बग्गा पर मामला दर्ज होने के बाद पंजाब पुलिस उनको गिरफ्तार करने दिल्ली आई थी. पंजाब पुलिस जब पहली बार बग्गा के घर आई तो उसे खाली हाथ लौटना पड़ा. बाद में पंजाब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इस गिरफ्तारी को रोकने की हरसंभव कोशिश दिल्ली पुलिस ने की थी. लेकिन पंजाब पुलिस उन्हें लेकर रवाना हो गई थी. दिल्ली पुलिस की अपील पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें कुरुक्षेत्र में बचा लिया था. दिल्ली पुलिस बग्गा को वापस दिल्ली लेकर आई थी. इस गिरफ्तारी के विरोध में बग्गा के परिजनों ने अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें पंजाब पुलिस को आरोपी बनाया गया था. बग्गा ने बाद में हाईकोर्ट का रुख किया. हाई कोर्ट ने बग्गा के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न करने का आदेश दिया था. 


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