Punjab News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) ने पति व सास-ससुर के खिलाफ झूठी शिकायत के एक मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि झूठी शिकायतें करना उन पर अत्याचार करना है. ऐसे में पति तलाक मांगने का हकदार है. इसी टिप्पणी के साथ कोर्ट ने पति की तलाक दिए जाने की मांग को मंजूर कर लिया. जस्टिस रितु बाहरी व जस्टिस निधि गुप्ता की खंडपीठ ने फैसले में कहा कि पत्नी ने न केवल अपने पति बल्कि ससुर पर भी झूठे आरोप लगाए. उसने कहा कि वह उस पर बुरी नजर रखते हैं. पत्नी ने यह भी कहा कि दहेज के लिए उसे तंग किया जा रहा है और उसका पति उसके साथ अप्राकृतिक संबंध बनाता है.


कोर्ट ने मंजूर की पति की तलाक की मांग


इस तरह की झूठी शिकायतें पति व उसके परिवार पर अत्याचार है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि शादी के बाद पति-पत्नी केवल नौ माह तक ही साथ रहे और उसके बाद से दोनों 9 साल से अलग रह रहे हैं. दोनों में समझौता करने का भी प्रयास किया गया लेकिन प्रयास सफल नहीं रहा और पत्नी ने तलाक देने से इंकार कर दिया. हाईकोर्ट ने पटियाला फैमिली कोर्ट के उस फैसले को खारिज करते हुए यह फैसला दिया, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि ये सामान्य झगड़े हैं जिनके आधार पर तलाक की मांग मंजूर नहीं की जा सकती है.


पत्नी खुद नहीं चाहती सामान्य संबंध
वहीं पति की तरफ से कोर्ट में कहा गया उसकी पत्नी बच्चा नहीं चाहती थी, जिसके चलते वह सामान्य शारीरिक संबंध बनाना नहीं चाहती थी. वहीं कोर्ट में पति ने कहा कि वह याचिका के विचाराधीन रहते पत्नी को 23 लाख रुपए खर्च के तौर पर दे चुका है ऐसे में खर्च न देने का आरोप भी सही नहीं है.


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