Punjab News: पंजाब के रूपनगर में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जब्त की गई जमीन पर चल रहे अवैध खनन मामले को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में सोमवार को सुनवाई हुई. इसको लेकर एनजीटी की तरफ से पंजाब सरकार, जिला मजिस्ट्रेट और खनन अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ से एनजीटी में याचिका दायर की गई थी. अब मामले को लेकर अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी.


नवजोत सिंह सिद्धू ने याचिका में अवैध खनन रोकने में असफल रहने के लिए पंजाब सरकार को भी दोषी ठहराते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि पंजाब में बड़े स्तर पर अवैध खनन जारी है और बड़ी संख्या में क्रशर के साथ ही खनन संबंधी मशीनरी इस्तेमाल की जा रही है, जिससे नदी तल खिसकने का खतरा बढ़ गया है.


अकाली दल ने की थी जांच की मांग


पिछले साल दिसंबर महीने में शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया ने भी रोपड़ में कथित तौर पर किए जा रहे करोड़ों रुपये के अवैध खनन की हाईकोर्ट की निगरानी में या सीबीआई जांच की मांग की थी. एक बयान में शिअद नेता ने कहा था कि इस तथ्य के बावजूद कि आप सरकार की 2023 खनन नीति में गाद निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, इस समय आनंदपुर साहिब तहसील के चांदपुरा गांव में रेत खनन के लिए भारी मशीनरी के साथ बड़े पैमाने पर गाद निकालने का काम किया जा रहा है.


बिक्रम मजीठिया ने कहा था, "ग्रामीणों के विरोध का भी खनन विभाग या जिला पुलिस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, क्योंकि खननकर्ताओं को सरकारी संरक्षण प्राप्त है." यह कहते हुए कि मंत्री और उनके सहयोगियों की ओर से रोपड़ जिले के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है, मजीठिया ने कहा कि साथ ही 6 रुपये प्रति घन फीट का शुल्क लगाकर अवैध खनन को कानूनी खनन में परिवर्तित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसा करके आप सरकार उस रेत को वैध कर रही है, जिसका अवैध खनन उन क्षेत्रों में किया जा रहा है, जहां कानूनी खदानों को मंजूरी नहीं दी गई है.


ये भी पढ़ें- Chandigarh Mayor Election: कब होगा चंडीगढ़ मेयर चुनाव, किसके पास कितने हैं पार्षद और किसका पलड़ा भारी?