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Punjab: AAP में शामिल होने के कुछ घंटों में ही सुरजीत कौर का यू-टर्न, SAD में लौटीं, समझें पूरी सियासी कहानी
Punjab Politics: शिरोमणि अकाली दल की ओर से समर्थन वापस लेने और जालंधर पश्चिम उपचुनाव के लिए मैदान में उतारी गई अपनी उम्मीदवार सुरजीत कौर को अस्वीकार करने के कुछ दिनों बाद वह आप में शामिल हुई थीं.
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Punjab News: पंजाब के जालंधर वेस्ट विधानसभा उपचुनाव से पहले मंगलवार को दिलचस्प राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला. शिरोमणि अकाली दल (SAD) की नेता सुरजीत कौर मुख्यमंत्री भगवंत मान की उपस्थिति में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गईं. हालांकि, कुछ देर बाद ही सुरजीत कौर वापस शिरोमणि अकाली दल में आ गईं.
शिरोमणि अकाली दल की ओर से समर्थन वापस लेने और जालंधर पश्चिम उपचुनाव के लिए मैदान में उतारी गई अपनी उम्मीदवार सुरजीत कौर को अस्वीकार करने के कुछ दिनों बाद वह मुख्यमंत्री की मौजूदगी में जालंधर में सत्तारूढ़ आप में शामिल हुई थीं. हालांकि, शाम तक यू-टर्न लेते हुए सुरजीत कौर, जो अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ आप में शामिल हुई थीं, बागी समूह के नेतृत्व वाले शिअद खेमे में वापस आ गईं.
बीबी जागीर कौर ने क्या कहा?
बागी अकाली नेता बीबी जागीर कौर ने जालंधर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उनका स्वागत किया. सुरजीत कौर ने ज्यादा कुछ नहीं कहा, लेकिन जागीर कौर ने कहा, हमने उनसे कहा कि चिंता न करें. हमने उनसे कहा कि लोग उनके साथ हैं. जागीर कौर ने कहा कि उनका परिवार हमेशा से कट्टर अकाली रहा है, जिन्होंने कभी अकाली दल से बाहर के बारे में नहीं सोचा. आप में शामिल होने और फिर शाम तक वापस लौटने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए सुरजीत कौर के बेटे ने कहा, कारण जो भी रहे हों, हमें एहसास हुआ कि हमने गलत किया और हमने वापस आने का फैसला किया.
जागीर कौर ने कहा कि सुरजीत कौर का परिवार तब परेशान हो गया था, जब शिअद ने 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव के लिए उनसे समर्थन वापस लेने और बसपा उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला किया. जागीर कौर ने कहा कि सुरजीत कौर मजबूती से चुनाव लड़ेंगी और बुधवार से सभी बैठकें, पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार होंगी. शिअद पिछले सप्ताह अपने अधिकृत उम्मीदवार सुरजीत कौर को बदलने में असमर्थ रहा था, क्योंकि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख पहले ही बीत चुकी थी.
आप में शामिल होने के बाद सुरजीत कौर ने कही थी ये बात
यू-टर्न लेने से पहले सुरजीत कौर ने पत्रकारों से कहा था कि अब वह उपचुनाव में आप उम्मीदवार मोहिंदरपाल भगत का समर्थन करेंगी. आप में शामिल होने के बाद बोलते हुए मुख्यमंत्री मान ने शिअद पर निशाना साधते हुए कहा था कि पहले उन्होंने सुरजीत कौर को टिकट दिया, लेकिन बाद में उन्होंने उन्हें अपमानित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरजीत कौर और उनके परिवार को लोगों की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने के लिए जाना जाता है.
सीएम मान ने कहा था कि पंजाब के मुख्यमंत्री और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष के तौर पर मैं उनका स्वागत करता हूं. सुरजीत कौर ने बाद में पत्रकारों से कहा कि मंगलवार सुबह उन्होंने आप में शामिल होने का फैसला किया. हमने किसी से बात नहीं की. हमने अपने कदम के बारे में सुबह फैसला किया, उन्होंने कहा, जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने किसी बागी शिअद नेता से बात की है. अपना मन बदलने से पहले कौर ने आप में शामिल होने पर दिन में कहा था कि उन्हें और उनके परिवार को लगा कि शिअद की ओर से उनसे समर्थन वापस लेने के बाद क्षेत्र के लोगों के हित में यह सबसे अच्छा काम है.
अकाली दल ने नहीं उतारा जालंधर वेस्ट उपचुनाव में उम्मीदवार
वरिष्ठ पार्टी नेता दलजीत सिंह चीमा ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव के लिए अब शिअद के पास अपना कोई अधिकृत उम्मीदवार नहीं है. बुधवार को शिअद की जालंधर जिला इकाई के प्रमुख ने घोषणा की थी कि पार्टी ने दो बार की नगर पार्षद सुरजीत कौर से समर्थन वापस ले लिया है. सुरजीत कौर को इस सीट के लिए शिअद पैनल ने चुना था, जिसमें बीबी जागीर कौर, गुरप्रताप सिंह वडाला, विधायक सुखविंदर सुखी और मोहिंदर सिंह केपी शामिल थे. हालांकि, जागीर कौर और वडाला अब उन बागी पार्टी नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने बादल के खिलाफ बगावत करते हुए मांग की है कि उन्हें पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
उपचुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 26 जुलाई थी. सुरजीत कौर को पहले ही शिअद का चुनाव चिह्न आवंटित किया जा चुका था और वह उन 15 उम्मीदवारों में शामिल थीं, जो उपचुनाव के लिए मैदान में रह गए थे, जो आप विधायक के रूप में शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद आवश्यक हो गया था. उल्लेखनीय है कि शिअद के वरिष्ठ नेताओं के एक वर्ग ने पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल के खिलाफ विद्रोह कर दिया है और मांग की है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में पंजाब में पार्टी की हार के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
इससे पहले सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व वाली शिअद ने पिछले हफ्ते कहा था कि पार्टी 10 जुलाई को जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में आधिकारिक तौर पर मैदान में उतारी गई उम्मीदवार सुरजीत कौर के बजाय बसपा उम्मीदवार का समर्थन करेगी.
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