Punjab News: कपास के मुआवजे की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के बैनर तले पंजाब में किसान आंदोलन हो रहा है. आंदोलन के दौरान किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर पंजाब की सियासत गरमा गई है. बीकेयू उगराहां की ओर से आरोप लगाया गया है कि लांबी में हुए लाठीचार्ज के दौरान सात किसान घायल हुए हैं. 


मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का समूह लांबी में तहसील ऑफिस के बाहर धरना दे रहा था. किसानों ने तहसील के अधिकारियों और कर्मचारियों के बाहर जाने से रोक दिया था. इसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया. 


मलोट के एसडीएम प्रमोद सिंगला ने किसानों की मांग को सही नहीं बताया है. उन्होंने दावा किया कि 10 गांव के लोग यहां आकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रमोद सिंगला का कहना है कि 50 फीसदी कपास खराब होने का दावा झूठा किया जा रहा है.


किसान नेता इस दावे को बताया गलत


अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रात को अधिकारियों के ऑर्डर मिलने के बाद पुलिस ने किसानों पर कार्रवाई की. बीकेयू उगराहां ने आंदोलन खत्म करने की बात मानने से इंकार कर दिया था. 


बीकेयू उगराहां के नेता गुरपक्ष ने कहा कि पुलिस के लाठीचार्ज में सात किसानों को चोट आई है और उन्हें लांबी के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है. गुरपक्ष ने यह भी दावा किया कि किसानों की फसल गुलाबी सुंडी की वजह से खराब हो गई थी और अधिकारी मुआवजा देने से इंकार कर रहे हैं.


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