Punjab Mandi Board: केंद्र सरकार (Central Government) ने पंजाब (Punjab) को एक और झटका दिया है. केंद्र की तरफ से ग्रामीण विकास निधि को रोकने की वजह से पंजाब मंडी बोर्ड वित्तीय संकट में घिर गया है. सूत्रों के मुताबिक पंजाब मंडी बोर्ड चार बैंकों से लिए कर्ज की किस्त नहीं चुका सका है. दिसंबर महीने की किस्त न चुकाने की वजह से पंजाब मंडी बोर्ड अब डिफाल्टर हो गया है. कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) सरकार के समय पंजाब मंडी बोर्ड की तरफ से उठाए गए कर्ज की राशि में से चार हजार करोड़ रुपये के फंड किसानों की कर्जा माफी की स्कीम के लिए इस्तेमाल किए गए थे.
इसक अलावा बाकी 650 करोड़ रुपये लिंक रोड की मरम्मत पर खर्च किए गए थे. पंजाब मंडी बोर्ड की तरफ से उठाए कुल 4650 करोड़ रुपये की कर्ज राशी 5500 करोड़ रुपये हो चुकी है. ऐसे में केंद्र की ओर से ग्रामीण विकास निधि को रोकने की वजह से पंजाब मंडी बोर्ड वित्तीय संकट से घिरा हुआ है और पंजाब मंडी बोर्ड चार बैंकों से लिए गए ऋण को बंद नहीं कर सका.
कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने क्या कहा?
इस बीच कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि केंद्र ने अभी तक लिंक रोड के लिए पंजाब में 3200 करोड़ रुपये जारी नहीं किए हैं. कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि उन्होंने फंड की यूनियन मंत्री से से मांग की थी. उन्होंने कहा, "कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के समय योजना में 4,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. वहीं लिंक रोड की मरम्मत पर शेष 650 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. पंजाब मंडी बोर्ड का कर्ज 5,500 करोड़ रुपये हो गए हैं. इनमें 4,650 करोड़ रुपये का कर्ज और ब्याज भी शामिल है."
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