Punjab News: पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा (Aman Arora) को एक पारिवारिक विवाद मामले में सुनाम कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है. हालांकि, उन्हें कोर्ट से जमानत भी मिल गई है. अमन अरोड़ा पर उनके एक रिश्तेदार ने घर में घुसकर हमला करने का आरोप लगाया था. उधर, कोर्ट के फैसले पर अमन अरोड़ा की प्रतिक्रिया आई है.
अरोड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ''अदालत की तरफ से 2 साल की सजा सुनाई गई है और उनके साथ उनके 85 साल के माता जी को भी सजा सुनाई गई है, अदालत ने अपना फैसला सुनाया मैं इसका स्वागत करता हूं, पर इसकी अपील में जिला कोर्ट में करूंगा.''
आप के मंत्री ने कहा कि ''उनके जीजा राजेंद्र दीपा की तरफ से जो भी इल्जाम लगाए गए हैं. वह सरासर गलत हैं. उस दिन हमारी तरफ से कोई भी हमला नहीं किया गया था. इसके बजाय मेरे जीजा की तरफ से हमारे ऊपर हमला किया गया, जिसमें मैं भी घायल हुआ था और अस्पताल में दाखिल हुआ था.'' अमन अरोड़ा ने कहा कि ''मेरी मां को सजा हुई जो कि बेहद दुखदाई है.''
आप के मंत्री ने कहा कि ''उनके जीजा राजेंद्र दीपा की तरफ से जो भी इल्जाम लगाए गए हैं. वह सरासर गलत हैं. उस दिन हमारी तरफ से कोई भी हमला नहीं किया गया था. इसके बजाय मेरे जीजा की तरफ से हमारे ऊपर हमला किया गया, जिसमें मैं भी घायल हुआ था और अस्पताल में दाखिल हुआ था.'' अमन अरोड़ा ने कहा कि ''मेरी मां को सजा हुई जो कि बेहद दुखदाई है.''
शिरोमणि अकाली दल के नेता हैं अमन अरोड़ा के जीजा
अमन अरोड़ा ने कहा कि ''मेरी विधानसभा की सदस्यता इसमें खारिज होती है या नहीं यह तो हमारे मुख्यमंत्री भगवत सिंह, विधानसभा के सपीकर और पार्टी कन्वीनर अरविंद केजरीवाल का फैसला होगा. कानून के मुताबिक जो भी करना है यह कानूनी फैसला होगा.'' अमन अरोड़ा ने अपने जीजा पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजेंद्र दीपा ने सिर्फ राजनीति के कारण यह इतना बड़ा बवाल मचाया. हमारा तब समझौता हो गया था, पर जब मुझे कांग्रेस पार्टी की तरफ से टिकट मिल गई तब गुस्से में आकर उन्होंने फिर दोबारा अपना समझौता तोड़कर यह इल्जाम मेरे और मेरी माता पर लगाए.'' यह 2008 की घटना बताई जा रही है. इस मामले में अमन अरोड़ा के जीजा जो कि शिरोमणि अकाली दल के नेता भी हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला भले ही देरी से आया लेकिन सही आया.
अमन अरोड़ा ने कहा कि ''मेरी विधानसभा की सदस्यता इसमें खारिज होती है या नहीं यह तो हमारे मुख्यमंत्री भगवत सिंह, विधानसभा के सपीकर और पार्टी कन्वीनर अरविंद केजरीवाल का फैसला होगा. कानून के मुताबिक जो भी करना है यह कानूनी फैसला होगा.'' अमन अरोड़ा ने अपने जीजा पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजेंद्र दीपा ने सिर्फ राजनीति के कारण यह इतना बड़ा बवाल मचाया. हमारा तब समझौता हो गया था, पर जब मुझे कांग्रेस पार्टी की तरफ से टिकट मिल गई तब गुस्से में आकर उन्होंने फिर दोबारा अपना समझौता तोड़कर यह इल्जाम मेरे और मेरी माता पर लगाए.'' यह 2008 की घटना बताई जा रही है. इस मामले में अमन अरोड़ा के जीजा जो कि शिरोमणि अकाली दल के नेता भी हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला भले ही देरी से आया लेकिन सही आया.