Haryana Assembly Controversy: आम आदमी पार्टी (AAP) ने सोमवार को कहा कि चंडीगढ़ (Chandigarh) पर केवल पंजाब (Punjab) का अधिकार है और हरियाणा (Haryana) को शहर में अतिरिक्त विधानसभा भवन बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. आप के प्रदेश प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग (Malvinder Singh Kang) ने कहा कि पंजाब के दर्जनों गांवों की जमीन पर बसाए गए चंडीगढ़ में हरियाणा को एक इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी.
वहीं कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि विधानसभा भवन के निर्माण के लिए हरियाणा का जमीन अदला-बदली का प्रस्ताव पंजाब में पहले से चिंताजनक कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिहाज से बेहद जोखिम भरा है. शिरोमणि अकाली दल ने भी इस मुद्दे पर पार्टी की रणनीति तय करने के लिए इस सप्ताह के अंत में अपने वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है.
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हरियाणा ने चंडीगढ़ में मांगा है 10 एकड़ का भूखंड
हरियाणा ने अपनी विधानसभा के अतिरिक्त भवन के निर्माण के लिए चंडीगढ़ में 10 एकड़ का भूखंड मांगा है. उसने रेलवे स्टेशन रोड जंक्शन के पास मध्य मार्ग पर ट्रैफिक लाइट से सटी जमीन की पहचान की है और बदले में पंचकूला में 10 एकड़ जमीन की पेशकश की है. हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने 19 नवंबर को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की थी और उनसे चंडीगढ़ में नए भवन के लिए भूमि आवंटन पर चर्चा की थी. मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि पार्टी और पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध करेगी.
पंचकूला, करनाल या कहीं और अपनी विधानसभा बनाए हरियाणा: कंग
मलविंदर सिंह कंग ने एक ट्वीट किया, "चंडीगढ़ में अपनी अलग विधानसभा के लिए हरियाणा सरकार ने जमीन मांगी है. जमीन की मांग पर आम आदमी पार्टी ने दो टूक कहा है कि चंडीगढ़ में एक इंच भी जमीन हरियाणा को अलग से नहीं दी जाएगी. हरियाणा चाहे तो पंचकूला, करनाल या कहीं और अपनी विधानसभा बनाए. चंडीगढ पर अधिकार केवल पंजाब का है." जुलाई में जयपुर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यहां हरियाणा विधानसभा के लिए एक अतिरिक्त भवन की स्थापना को लेकर जमीन की घोषणा की थी. हरियाणा सरकार पिछले एक साल से यह मांग कर रही थी. वर्तमान में पंजाब और हरियाणा सरकारें विधानसभा परिसर को साझा करती हैं, जो यहां पंजाब और हरियाणा सिविल सचिवालय के बगल में स्थित है.