Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने फिरोजपुर के जीरा स्थित डिस्टिलरी और एथनॉल संयंत्र को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है. उन्होंने यह कदम ग्रामीणों द्वारा कई महीनों से किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के बाद उठाया है. सांझा जीरा मोर्चा के बैनर तले ग्रामीण गत छह महीने से संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका आरोप है कि डिस्टिलरी की वजह से कई गांवों का भूजल प्रदूषित हो रहा है और जीरा के मनसुरवाल गांव में वायु प्रदूषण की समस्या पैदा हो रही है.
डिस्टिलरी के मालिकों की CM के फैसले पर नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
डिस्टिलरी के मालिकों की ओर से मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस फैसले पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उनके वकील पुनीत बाली ने कहा कि कंपनी को डिस्टिलरी बंद करने को लेकर कोई आदेश नहीं मिला है. उन्होंने कहा हम देखेंगे कि कौन से कानूनी विकल्प मौजूद हैं. वास्तव में क्या हुआ उसका आंकलन करने के बाद कानूनी विकल्प का इस्तेमाल करेंगे. बाली ने सरकार द्वारा गठित समिति की भूमिका पर भी सवाल उठाया है. राज्य सरकार ने डिस्टिलरी की वजह से फसलों को नुकसान, जल प्रदूषण, इनसानों और मवेशियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की जांच करने के लिए गठित की थी. सरकार ने समिति की जानकारी पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय को भी दी थी.
सीएम मान ने वीडियो संदेश से दी सूचना
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक वीडियो संदेश में डिस्टिलरी बंद किए जाने की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘पंजाब में पानी, हवा और जमीन की शुद्धता के लिए,लोगों के हित को देखते हुए और कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद, मैं घोषणा करता हूं कि जीरा स्थित शराब कारखाना को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी पर्यावरण नियमों को तोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी, भले ही वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी राज्य सरकार द्वारा बनाए नियमों को तोड़ेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए लिया गया फैसला
CM मान ने कहा कि डिस्टिलरी को बंद करने का फैसला पर्यावरण और कानूनी विशेषज्ञों से विचार विमर्श कर लिया गया है. उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि पंजाब को साफ, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी. गौरतलब है कि डिस्टिलरी के खिलाफ महीनों से चल रहा विरोध प्रदर्शन आम आदमी पार्टी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी क्योंकि प्रदर्शनकारियों को कई किसान संगठनों, धार्मिक संगठनों और नेताओं का समर्थन मिल रहा था.
राज्य सरकार पर लगाया गया था 20 करोड़ का जुर्माना
ग्रामीण कथित भूजल प्रदूषण की वजह से शराब कारखान को बंद करने की अपनी मांग पर अडिग थे. उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनों के खिलाफ कारखाना के मालिकों ने पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और अदालत ने प्रदर्शनकारियों को हटाने में असफल रहने पर राज्य सरकार पर 20 करोड़ का जुर्माना लगाया था. उच्च न्यायलय ने इसके साथ ही प्रदर्शन की वजह से कारखाना को होने वाले नुकसान का आंकलन करने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई थी.
वही आपको बता दें कि न्यायमूर्ति आर नेहरू की अध्यक्षता वाली समिति ने मंगलवार को प्रदर्शनकारियों और कारखाना के मालिकों से मुलाकात की थी. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री की घोषणा से खुश हैं. प्रदर्शनकारियों में शामिल ग्रामीण जगतार सिंह ने कहा हमने पिछले साल जुलाई में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की थी. हम संयंत्र को बंद कराने के लिए प्रतिबद्ध थे जो भूजल को दूषित कर रहा था और जिसकी वजह से इलाके के लोग बीमार पड़ रहे थे और हमारे मवेशियों की मौत हो रही थी. इस लड़ाई के दौरान हमने अपने चार लोगों को खोया और अंत में हमें जीत मिली.
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