Punjab News: पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एक बड़ा फैसला लिया है. जिससे शिक्षा बोर्ड के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों को बड़ा झटका लगने वाला है. पंजाब शिक्षा विभाग ने महिला कर्मचारियों को बच्चे की देखभाल के लिए मिलने वाली चाइल्ड केयर लीव पर रोक लगा दी है. बोर्ड ने स्कूलों की वार्षिक परीक्षाओं और स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए ये आदेश जारी किया है. लेकिन अभी तक ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि ये आदेश कब तक जारी रहेगा. माना जा रहा है कि अगले आदेश तक चाइल्ड केयर लीव पर रोक जारी रहने वाली है.
शिक्षा विभाग ने स्टाफ की कमी का दिया हवाला
पंजाब शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किए गए इस आदेश में महिला कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव ना देने के लिए कई बातों का हवाला दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि वार्षिक परीक्षाओं के दौरान स्कूलों का कामकाज बढ़ जाता है ऐसी स्थिति में कर्मचारियों के छुट्टी पर रहने से स्कूलों में परेशानी खड़ी हो सकती है. बच्चों की पढ़ाई इससे प्रभावित होती है. वही स्कूलों में स्टाफ की कमी होने की वजह से महिला कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव नहीं दी जा सकती है. पंजाब शिक्षा विभाग की तरफ से शाखा प्रमुखों, प्रिंसिपलों और प्रबंधकों को हिदायत दी गई है कि वो भी अपने अधीन काम कर रही महिला कर्मचारियों की चाइल्ड केयर लीव की सिफारिश उनके पास ना भेजें, साथ ही अपने अधीन काम करने वाले कर्मचारियों को भी इस बारे में जानकारी दे दी जाए.
पहले क्या था चाइल्ड केयर लीव का प्रावधान?
चाइल्ड केयर लीव के लिए पंजाब सरकार ने 22 दिसंबर 2011 को आदेश जारी किया था. इस आदेश के अनुसार जिस महिला कर्मचारी का बच्चा 18 साल से कम उम्र का होता था. उसे चाइल्ड केयर लीव देने का प्रावधान था. प्रत्येक महिला कर्मचारी अपने पूरे सेवाकाल के दौरान 365 दिन तक की चाइल्ड केयर लीव ले सकती थी. लेकिन साल में 3 बार से ज्यादा छुट्टी नहीं ले सकती थी. इस छुट्टी के दौरान भी महिला कर्मचारी को पूरा वेतन दिया जाता था.
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