पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने से जुड़ी फाइल को मंजूरी देने में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है. चन्नी ने शनिवार को कहा कि राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं, लेकिन राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए वो बीजेपी के दबाव में काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वो और उनके मंत्री सोमवार को राज्यपास से मुलाकात करेंगे. इसके बाद भी उन्होंने फाइलों को मंजूरी नहीं दी तो वो राजभवन से सामने धरने पर बैठ जाएंगे.


राज्यपाल पर मुख्यमंत्री ने क्या-क्या आरोप लगाए


चन्नी ने कहा कि मुख्य सचिव और उन्होंने खुद फाइल को मंजूरी देने के लिए राज्यपाल से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने सोचा था कि राज्यपाल कहीं और व्यस्त हो सकते हैं, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि वो गैर जरूरी तरीक से फाइल दबाए बैठे हैं. चन्नी ने कहा कि 36 हजार कर्मचारियों को नियमित करने के अलावा 11 और बिल राज्यपाल के पास लंबित हैं. इन्हें वह मंजूर नहीं कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की राजनीति ठीक नहीं है.


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पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार को वो और उनकी कैबिनेट के अन्य मंत्री राज्यपाल से मिलेंगे और यदि वह ऐसा नहीं करेंगे तो कर्मचारियों के वैध अधिकारों की रक्षा के लिए हम राजभवन के सामने धरना भी देंगे. 


मुख्यमंत्री चन्नी ने अपने कितने काम गिनाए


इससे पहले, चन्नी ने सत्ता में 100 दिन के कामकाज की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भगवान वाल्मीकि, गुरु रविदास, भगत कबीर, भगवान परशुराम, भाई जैता (बाबा जीवन सिंह), बीआर आंबडेकर और भाई माखन शाह लुबाना जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों के नाम पर कई शोध प्रकोष्ठ स्थापित किए गए हैं. इसके साथ ही सरकार ने रामायण, महाभारत और भगवद गीता के लिए विशेष शोध केंद्र स्थापित किए गए हैं. 


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चन्नी ने बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के प्रयासों को तेज करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार पहले से ही रोजगार गारंटी योजना को लागू करने के एक उन्नत चरण में है, जिसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी. उन्होंने बताया कि शहरी स्थानीय निकायों में अनुबंध पर काम कर रहे 4,587 सफाई सेवकों और सीवर कर्मियों की सेवाओं को नियमित करने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है. इसकी अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है.