Punjab News: पंजाब में कांग्रेस की हार हुए लगभग चार महीनों का वक्त बीत चुका है, लेकिन कांग्रेस के पूर्व विधायक कांग्रेस की सरकार के दौरान उन्हें आवंटित हुए फ्लैटों को अभी भी छोड़ने को तैयार नहीं हैं. शिरोमणि अकाली दल और विपक्षी कांग्रेस के ऐसे विधायकों को फ्लैट खाली करने के लेकर कई नोटिस दिये जा चुके हैं, इसके बाद भी वे फ्लैट खाली नहीं कर रहे हैं. अवैध कब्जेदारों  पर अब विधानसभा सचिवालय सख्त कार्रवाई करने की योजना बना रहा है. ट्रिब्यून इंडिया की खबर के मुताबिक विधानसभा सचिवालय ऐसे विधायकों को अंतिम 15 दिन का नोटिस देने की योजना बना रहा है, जिसके बाद परिसर खाली नहीं किए जाने पर बेदखली की कार्यवाही का सामना करने की सख्त चेतावनी दी जाएगी. ये फ्लैट चंडीगढ़ के सेक्टर 3 और 4 में स्थित हैं.


अवैध कब्जा करने वालों में ये विधायक शामिल
अवैध रूप से फ्लैटों पर कब्जा करने वालों में शिअद के बिक्रम सिंह मजीठिया और गुरप्रताप सिंह वडाला शामिल हैं. इस सूची में पूर्व कांग्रेस विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी, कुलबीर जीरा, सुखपाल भुल्लर, अंगद सैनी, रमिंदर आवला और सतकर कौर शामिल हैं. विधानसभा के सूत्रों के मुताबिक फ्लैट खाली न करने वाले विधायकों को अंतिम नोटिस सोमवार को दिया जा सकता है. पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने पुष्टि की कि अंतिम नोटिस जारी किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी पूर्व विधायक जानते हैं कि फ्लैटों को खाली करना कितना जरूरी है, मुझे उम्मीद है कि वे खुद ही फ्लैट खाली कर देंगे.


गैर-मुद्दे को मुद्दा बना रही सरकार 


वहीं, अकाली दल के नेता दलजीत चीमा ने कहा कि आप सरकार गैर-मुद्दे को मुद्दा बना रही है. उन्होंने कहा यह राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है. जब बिक्रम मजीठिया की पत्नी गनीवे कौर मजीठिया विधायक चुनी गई हैं, तो उन्हें वही फ्लैट क्यों नहीं दिया जा सकता? उन्होंने कहा कि परिसर न खाली करने के किसी के पास वास्तविक कारण भी हो सकते हैं.  सरकार उनसे दंडात्मक किराया वसूल सकती है. वहीं, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे की कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, लेकिन अगर ऐसा है तो मैं अपने पार्टी सहयोगियों से एक हफ्ते के भीतर फ्लैट खाली करने को कहूंगा.


सेक्टर चार में विधायकों के लिए 65 फ्लैट


बता दें कि सेक्टर 4 में पंजाब के विधायकों के लिए 65 फ्लैट हैं. जो विधानसभा में प्रत्येक पार्टी की ताकत के आधार पर सभी दलों के विधायकों को आनुपातिक रूप से आवंटित किए गए हैं. चूंकि AAP ने पंजाब में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की थी इसलिए  उसके विधायकों को अधिकतम फ्लैट आवंटित किए गए हैं.


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