Punjab News: पंजाब में आर्थिक संकट, कर्ज के जाल में बुरी तरह फंसा, श्वेतपत्र में हुआ खुलासा
पंजाब में भगवंत मान सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल पंजाब कर्ज के जाल में बुरी तरह से फंस गया है. इसका खुलासा विधानसभा में श्वेत पत्र से हुआ.
Financial Crisis in Punjab: पंजाब के विधानसभा में शनिवार को पेश किए गए राज्य के वित्ती स्थ्ति पर श्वेत पत्र में बड़ा खुलासा हुआ है. इस श्वेत पत्र से पता चला कि पंजाब आर्थिक संकट और कर्ज के जाल में फंस गया है. वहीं श्वेत पत्र पेश कर रहे राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पिछली सरकारों पर राजकोषी गड़बड़ी जिम्मेदार ठहराया है. पंजाब की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होते जा रही है और इस महीने समाप्त होने वाले जीएसटी मुआवजा व्यवस्था के शाथ यह पूरी तरह धराशआयी हो जाएगा.
पुराने कर्ज को चुकाने के लिए लिया गया और ज्यादा कर्ज
विधानसभा में पेश हुए इस श्वेत पत्र में बताया गया कि राज्य कर्ज के जाल में फंसा हुआ है. यहां पूराने कर्ज को चुकाने के लिए औऱ ज्यादा कर्ज जमा किया जा रहा है. वहीं नए कर्ज से पंजाब का भविष्य सुधारना था जो नहीं हो सका. जीएसटी मुआवजा व्यवस्था के अंत में राज्य को इस वर्ष 15,000 करोड़ रुपये की राजस्व कमी होगी और उसके बाद यह रकम हर साल 21,000 करोड़ रुपये पहुंच जाएगी. पिछले पांच साल में पंजाब में कर्ज 44.23 फीसदी तक बढ़ गया है.
ऐसे वादे पूरे करेगी आप सरकार
पंजाब की आर्थिक संकट को देखते हुए भगवंत मान सरकार मुश्किल में दिख रही है. चुनावों में आप सरकार ने जनता को बड़े बड़े वादे किए थे अब राज्य में उसे पूरा करने के लए पर्याप्त बजट होना चाहिए. पर पंजाब की मौजूदा हालत सभी वादों को पूरा करने के लिए सक्षम नहीं है. पंजाब पर वर्तमान समय में 2.63 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का कर्ज है. पंजाब में लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता ही गया है. पंजाब में बकाया कर्ज 1980-81 में 1,009 करोड़ रुपये था, जो 2011-12 में बढ़कर 83,099 करोड़ रुपये और 2021-22 में 2,63,265 करोड़ रुपये हो गया.
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