BSEH to hold board exams for class 8, privates school opposed the decision: हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग (Board of School Education, Haryana) ने क्लास आठवीं के लिए बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला किया है. बोर्ड (BSEH) के इस फैसले का कुछ प्राइवेट स्कूल जमकर विरोध कर रहे हैं. इन स्कूलों का कहना है कि ये बोर्ड का पैसे कमाने का तरीका भर है जिससे अभिभावकों और छात्रों पर बेवजह का दबाव पड़ेगा. कई प्राइवेट स्कूल संगठनों ने बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन हरियाणा के इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाई है. दरअसल बीएसईएच (BSEH) ने आठवीं की परीक्षाओं को बोर्ड परीक्षा में बदलने का निर्णय लिया था जिसे आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.


क्या कहना है प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का –


इस बारे में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, ‘ बीएसईएच ने प्रति स्कूल पंजीकरण शुल्क 5,000 रुपए और 550 रुपए परीक्षा शुल्क निर्धारित किया है. राज्य में लगभग 2,000 निजी स्कूल और 450,000 (4.5 लाख) छात्र हैं. बीएसईएच एक झटके में करीब 25 करोड़ रुपये कमाएगा. कक्षा 8 के लिए अनिवार्य परीक्षा आयोजित करने का बोर्ड का निर्णय पैसा कमाना था, जो कि स्कूलों और अभिभावकों को बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है,’


कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे –


प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने ये भी कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक नई याचिका दायर करेंगे, जिसमें कक्षा 8 के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के फैसले को चुनौती दी जाएगी, चाहे स्कूल किसी भी बोर्ड से संबद्ध हों.


इस बारे में हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कांफ्रेंस के अध्यक्ष सुरेश चंद्रा का कहना है कि, कोविड काल में अभिभावक ऐसे ही आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं. ऐसे में ये निर्णय स्वीकर नहीं किया जा सकता. एक तरफ सिलेबस कम करने की बात हो रही है और एक तरफ बोर्ड परीक्षा का फैसला लिया जा रहा है.


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