Punjab News: पंजाब की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के बीच छिड़ा विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. करीब एक महीना पहले सिद्धू ने अपनी नाराजगी कम करते हुए पंजाब कांग्रेस के दफ्तर पहुंचकर कामकाज संभाल लिया था. नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने जिला अध्यक्षों और कार्यकारी अध्यक्षों की एक लिस्ट तैयार की थी जिसे पिछले 12 दिन से पार्टी हाईकमान की अनुमति नहीं मिली है.


अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक सिद्धू ने सिफारिश तैयार करते वक्त अधिकतर विधायकों और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ की सलाह नहीं ली. ऐसा दावा किया जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने लिस्ट में अपने ही लोगों को जगह दी है इसलिए कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धू की इस लिस्ट को अब तक स्वीकार नहीं किया है.  


पंजाब के 29 जिलों में काग्रेस की कमेटी हैं. सिद्धू के फॉर्मूले के मुताबिक इन 29 जिलों से 87 नेताओं को इस लिस्ट में जगह दी गई है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भी सिद्धू ने अपने अलावा चार कार्यकारी अध्यक्ष रखे हैं. 


हरीश चौधरी को भी है लिस्ट का इंतजार


सिद्धू ने कहा कि जिला कमेटी में अधिकारियों की नियुक्ति की लिस्ट प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी को सौंपी जा चुकी है. लेकिन इन बातों को 12 दिन गुजर चुके हैं और इसे स्वीकार नहीं किया गया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हरीश चौधरी इस लिस्ट के क्लियर होने का इंतजार कर रहे हैं. इसके साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू और हरीश चौधरी के बीच जल्द ही एक मीटिंग भी संभव है.


बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू लगातार अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमलावर हैं. नवजोत सिंह सिद्धू ने चरणजीत सिंह चन्नी को ड्रग्स और बेअदबी के मामले पर रिपोर्ट नहीं सार्वजनिक करने पर भूख हड़ताल की धमकी भी दी है.


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