Punjab News: बीते दिनों पटियाला में हुई हिंसा को लेकर पंजाब सरकार द्वारा नियुक्त एक टीम ने दोषी पुलिस की भूमिका का पता लगाने और "ड्यूटी पर पुलिस की जिम्मेदारी तय करने" के लिए आज पटियाला का दौरा किया और एसपी, डीएसपी और एसएचओ स्तर के अधिकारियों से पूछताछ की है. 29 अप्रैल को, ये अधिकारी ड्यूटी पर थे, जब काली माता मंदिर के बाहर दो समूहों के बीच हिंसा हुई और पुलिस वाले इसे रोकने में विफल रहे, जिसमें चार लोग घायल हो गए थे.
एडीजीपी-सह-निदेशक ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन बी चंद्रशेखर ने आज पुलिस लाइन का दौरा किया, जहां देर शाम तक पटियाला पुलिस से पूछताछ किया गया. पूछताछ में आठ घंटे से ज्यादा का समय लगा. पटियाला के आईजी राकेश अग्रवाल और एसएसपी नानक सिंह के अलावा ड्यूटी पर मौजूद अन्य सभी अधिकारियों से पूछताछ की गई.
एक अधिकारी ने कहा, "एडीजीपी ने आज अलग से हमें शुक्रवार की घटनाओं को विस्तार से बताने के लिए कहा." एडीजीपी से मिलने वाले एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा, मैंने बताया कि कैसे प्रदर्शनकारी काली माता मंदिर के बाहर पहुंचने में कामयाब रहे.
सूत्रों का कहना है कि डीएसपी, जो सोशल मीडिया पर खुद का बचाव करने की कोशिश कर रहे है. उसने भी पूछताछ की गई और वह यह नहीं बता पाये कि खंडा चौक के पास उनकी कमांड के तहत 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को एक बगीचे के अंदर क्यों धकेला गया. जहां से वे बाहर नहीं आ सकते थे. जब प्रदर्शनकारी मंदिर की ओर बढ़े तो डीएसपी नियंत्रण के लिए नाकों पर पर्याप्त बैरिकेड्स भी नहीं लगा सके. इस बीच, पुलिस ने आज दो मुख्य आरोपियों हरीश सिंगला और बरजिंदर सिंह परवाना को चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है.
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