Paramjit Singh Panjwar Killed: खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) का प्रमुख आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ शनिवार को मौत के घाट उतार दिया गया. पाकिस्तान के लाहौर में गोलियां दागकर उसकी हत्या कर दी गई. परमजीत सिंह पंजवड़ लाहौर में बैठकर ही ख़ालिस्तान समर्थित गतिविधियों को अंजाम दिलवाता था. पंजवड़ की मौत से आतंक का एक अध्याय समाप्त हो गया है. आईएसआई के मंसूबों पर पानी फिर गया है. नशे के तस्करी के माध्यम से पंजवड़ अपने संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स को जिंदा रखे हुए थे.
लाभ सिंह की मौत के बाद पंजवड़ ने संभाली कमान
आपको बता दें कि 12 जुलाई 1988 को सुरक्षा बलों ने खालिस्तान कमांडो फोर्स की कमान संभालने वाले लाभ सिंह को मार गिराया था. जिसके बाद परमजीत सिंह पंजवड़ का उदय हुआ और पंजवड़ खालिस्तान कमांडो फोर्स का प्रमुख बन गया. वो पाकिस्तान में मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था. भारतीय एजेंसियों के अनुसार, 30 जून 1999 को चंडीगढ़ में पासपोर्ट कार्यालय के पास जो बम ब्लास्ट हुआ था, वो परमजीत सिंह पंजवड़ ने ही कराया था. इस बम ब्लास्ट में 4 लोग घायल हुए थे, बम को स्कूटर की डिग्गी में रखा गया था.
बाइक सवारों ने दागी गोलियां
सूत्रों की मानें तो परमजीत सिंह पंजवड़ को लाहौर में कुछ बाइक सवारों ने निशाना बनाया. पंजवड़ जिस सोसाइटी में रह रहा था वहां घुसकर हमलावरों ने पंजवड़ पर फायरिंग की जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई. गौरतबल है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने साल 2020 में जिन 9 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी उसमें परमजीत सिंह पंजवड़ का नाम भी शामिल था.
भारत में कई हत्याओं के लिए जिम्मेदार था पंजवड़
1990 में केसीएफ की कमान संभालने के बाद परमजीत सिंह पंजवड़ ने अपने संगठन को काफी मजबूत किया. उसने कनाडा, यूके, जर्मनी तक अपने लिंक बनाए और लाहौर को अपना ठिकाना बना लिया. पंजवड़ ने भारतीय सुरक्षा बलों, सीआरपीएफ , बीएसएफ और अन्य पुलिस बलों को भी अपना निशाना बनवाया. केएसीएफ का मकसद था कि एक अलग सिख राज्य का निर्माण किया जाए.