Punjab News: चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) की सरकार के लिए एपीएस देओल का मुद्दा गले की फांस बन गया है. देओल के बाद कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने अपनी पार्टी की सरकार को निशाने पर ले लिया है. मनीष तिवारी ने कहा कि महाधिवक्ता के कार्यालय का राजनीतिकरण करने का मतलब इसकी संवैधानिक कामकाज की गरिमा को कमतर करना है. इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू देओल के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए थे. 


मनीष तिवारी ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा, ''पंजाब सरकार नया महाधिवक्ता नियुक्त करने जा रही है, तो ऐसे में उसे सलाह है कि वह बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से तय पेशेवर मानकों के नियमों का अनुसरण करे.''


मनीष तिवारी ने आगे कहा, ''महाधिवक्ता के कार्यालय का राजनीतिकरण करने से संवैधानिक कामकाज की गरिमा कमतर होती है. पंजाब के पहले के दोनो महाधिवक्ता छद्म राजनीतिक युद्ध के शिकार बन गए.''


सिद्धू के आगे झुकी चन्नी सरकार


गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के दबाव के आगे झुकते हुए राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को महाधिवक्ता एपीएस देओल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि नए महाधिवक्ता को जल्द ही नियुक्त किया जाएगा.


देओल ने 2015 की बेअदबी घटनाओं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी से जुड़े मामलों में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी का प्रतिनिधित्व किया था.


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