Punjab News: पंजाब विधानसभा चुनाव का एलान होने में अभी कम से कम तीन महीने का वक्त बाकी है. लेकिन पंजाब की तमाम सियासी पार्टियों ने चुनाव को लेकर अपनी तैयारी तेज कर दी है. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का कहना है कि चुनावों में उम्मीदवारों के चयन के लिए जीत की संभावना ही एकमात्र मानदंड होगा और मौजूदा विधायक होना उम्मीदवारी की गारंटी नहीं है.
चरणजीत चन्नी के साथ करीब दो महीने तक चली लड़ाई के बाद मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी ऑफिस में जाकर कामकाज संबाला है. सिद्धू ने चन्नी सरकार की कुछ नियुक्तियों पर आपत्ति जताते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. पंजाब सरकार ने इस महीने की शुरुआत में महाधिवक्ता ए पी एस देओल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था.
सिद्धू के साथ कांग्रेस महासचिव हरीश चौधरी और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी थे. उन्होंने कहा कि जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की सूची जल्द ही जारी की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी एकजुट है. सिद्धू ने कहा कि आगामी चुनावों के लिए उम्मीदवारों की जीतने की संभावना ही योग्यता होगी. उन्होंने कहा, "हम मानदंडों से कोई समझौता नहीं करेंगे."
विधायक होना टिकट की गांरटी नहीं
सिद्धू ने कहा कि इस बात की गारंटी नहीं होगी कि एक बार कोई व्यक्ति विधायक बन गया तो चुनाव लड़ने के लिए उन्हें फिर से टिकट मिल जाएगा. उन्होंने कहा, "पार्टी फैसला करेगी, सर्वेक्षण कराया जाएगा, आलाकमान फैसला करेगा. हमारे पास एक बहुत ही अच्छी लोकतांत्रिक प्रणाली है, जो उम्मीदवारों के बारे में फैसला करेगी लेकिन मानदंड योग्यता है."
बता दें कि सिद्धू और चन्नी के बीच चल रही अंदरूनी लड़ाई की वजह से कांग्रेस पार्टी को नुकसान उठाना पड़ रहा है. सिद्धू और चन्नी के झगड़े निपटाने की जिम्मेदारी पार्टी हाईकमान ने प्रभारी हरीश चौधरी को दे रखी है.