Punjab News: पंजाब के विपक्षी दलों ने दिल्ली के साथ समझौते को लेकर CM भगवंत मान पर साधा निशाना
पंजाब में विपक्षी दलों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ ज्ञान-साझेदारी संबंधी समझौते पर दस्तखत करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा.
Punjab News: पंजाब(Punjab) में विपक्षी दलों ने दिल्ली(Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(CM Arvind Kejriwal) के साथ ज्ञान-साझेदारी संबंधी समझौते पर दस्तखत करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान( CM Bhagwant Mann) पर निशाना साधा. और उन पर अपने अधिकारों के समर्पण का आरोप लगाया. वहीं, आरोपों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार ऐसा कोई भी कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगी, जिससे पंजाब और इसके लोगों को फायदा पहुंचता हो.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रकाश सिंह बादल पर साधा निशाना
उन्होंने कहा, 'दिल्ली इसे क्यों चलाएगी? पंजाब की सरकार राज्य की जनता ने चुनी है. मान ने कहा, 'अगर पंजाब की बेहतरी के लिए हमें इटली भी जाना पड़ेगा तो हम वहां भी जाएंगे. शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख प्रकाश सिंह बादल पर निशाना साधते हुए मान ने पूछा कि जब उन्होंने चीन, इजराइल और अन्य देशों की यात्रा की थी तो क्या वे देश उनकी पार्टी की सरकार चला रहे थे. दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने मंगलवार को इस संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किये और मान ने कहा था कि पंजाब में 117 स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक विकसित किये जाएंगे.
जनता के प्रति जिम्मेदारियों को पूरी तरह से छोड़ना हैः कांग्रेस
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने समझौते पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह राज्य सरकार की ओर से जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से छोड़ देना है. शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष बादल ने कहा कि यह पंजाब के लिए ‘काला दिन’ है. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने मान को आड़े हाथ लेते हुए उनसे यह स्वीकार करने को कहा कि केजरीवाल अब दिल्ली से पंजाब को चलाएंगे. भारतीय जनता पार्टी की पंजाब इकाई के महासचिव सुभाष शर्मा ने भी मान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह ‘समझौता ज्ञापन’ नहीं बल्कि ‘समर्पण ज्ञापन’ है.
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कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी नाखुशी जताई और कहा, 'ज्ञान साझा समझौते की आड़ में मुख्यमंत्री मान ने पंजाब की स्वायत्ता का समर्पण कर दिया. इससे अरविंद केजरीवाल को पंजाब के अंदरूनी मामलों में असंवैधानिक हस्तक्षेप और नियंत्रण की अनुमति मिल गई है. इससे पंजाब की गरिमा को ठेस पहुंची है.
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