Punjab News: पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) ने शनिवार को जांच रिपोर्ट के आधार पर पंजाब में हिस्ट्री की तीन किताबों पर बैन लगा दिया क्योंकि इन किताबों में तथ्य तोड़-मोड़कर पेश किए गए थे. पंजाब के शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. इन किताबों में मंजीत सिंह सोढ़ी द्वारा लिखित 'एबीसी ऑफ हिस्ट्री ऑफ पंजाब', महिंदरपाल कौर की पंजाब का इतिहास, एमएस मान द्वारा पंजाब का इतिहास शामिल है. 


शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी


पंजाब के शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने रविवार को ट्वीट किया कि सिख इतिहास सभी के लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य है. उन्होंने कहा कि बारहवीं कक्षा की किताबों में सिख इतिहास के बारे में गलत तथ्य प्रस्तुत किए गए थे और पंजाब के सीएम के निर्देश पर उन्होंने किताबों पर प्रतिबंध लगाने और दोषी लेखकों और प्रकाशकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है.


बारहवीं कक्षा के छात्रों को पढ़ायी जा रही इन किताबों में मंजीत सिंह सोढ़ी द्वारा लिखित 'एबीसी ऑफ हिस्ट्री ऑफ पंजाब', महिंदरपाल कौर की पंजाब का इतिहास, एमएस मान द्वारा पंजाब का इतिहास शामिल है.


फरवरी में इन किताबों की जांच के आदेश दिए गए


अमृतसर के किसान नेता और सामाजिक कार्यकर्ता बलदेव सिंह सिरसा और गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लाखा सिधाना ने इन इतिहास की किताबों में वर्णित सिख गुरुओं के बारे में विभिन्न तथ्यों पर आपत्ति जताई थी, जिन्हें पंजाब के सरकारी स्कूलों में छात्र पढ़ रहे थे. इसके बाद तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने फरवरी में इन किताबों की जांच के आदेश दिए थे.


पीएसईबी के अध्यक्ष जोगराज ने इन पुस्तकों की सामग्री को देखने के लिए स्कूली शिक्षा महानिदेशक इंदर पाल सिंह मल्होत्रा ​​​​को पूर्व विशेष कार्य कार्यालय (ओएसडी) के तहत एक जांच का गठन किया था. मल्होत्रा ​​ने पिछले महीने पीएसईबी को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. पीएसईबी ने एसी अरोड़ा और तीन अन्य लेखकों द्वारा लिखित एक अन्य पुस्तक की सामग्री की जांच का भी आदेश दिया है, जिसे पीएसईबी की मंजूरी के बिना बेचा जा रहा था. पीएसईबी अध्यक्ष ने कहा कि जांच के नतीजे के आधार पर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.


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