Punjab News: सुखबीर सिंह बादल ने शुरू किया ‘यूथ अकाली दल’ का सदस्यता अभियान, युवाओं को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी
Youth Akali Dal: सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को पार्टी की युवा शाखा ‘यूथ अकाली दल’ की सदस्यता अभियान शुरू किया. इसका लक्ष्य सभी स्तरों पर युवाओं को उचित चुनावी प्रतिनिधित्व देना है.
Punjab News: शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को पार्टी की युवा शाखा ‘यूथ अकाली दल’ की सदस्यता अभियान शुरू किया. इसका लक्ष्य सभी स्तरों पर युवाओं को उचित चुनावी प्रतिनिधित्व देना है. बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने योग्यता को पुरस्कृत करने का फैसला किया है और सभी पदों पर युवाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है.
युवाओं को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी
पार्टी के एक बयान के अनुसार, बादल ने कहा कि 250 सदस्यों को पंजीकृत करने में सक्षम युवाओं को युवा प्रतिनिधियों के रूप में नियुक्त किया जाएगा. जिन्हें भी नियुक्त किया जाएगा वो प्रतिनिधि जिला अध्यक्षों सहित युवा निकाय के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. बता दें सदस्यता अभियान 31 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. शिअद प्रमुख ने कहा कि जिला अध्यक्ष पद के लिए केवल उन नेताओं पर विचार किया जाएगा जो अपनी सिफारिशों के साथ 2,000 सदस्यों को पंजीकृत करेंगे. उन्होंने कहा कि जिला स्तर के निकाय के लिए आयु सीमा 35 वर्ष है और राज्य स्तर के लिए आयु सीमा 40 वर्ष है. संगठन में अपनी क्षमता साबित करने वाले युवा नेताओं को पार्टी स्थानीय निकायों और समितियों और निगमों के चुनावों में मैदान में उतारेगी.
लोकसभा चुनाव में भी मिलेगी जिम्मेदारी
उन्होंने यह भी घोषणा की कि लोकसभा चुनाव अभियान में तीन वरिष्ठ नेताओं के साथ युवाओं को भी बड़ी भूमिका दी जाएगी. प्रत्येक सीट के लिए तीन उपाध्यक्ष और तीन महासचिव नियुक्त किए जा रहे हैं. बादल ने यह भी बताया कि कैसे पुर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती अकाली सरकार ने 2.5 लाख युवाओं को रोजगार दिया था. अकाली दल के कार्यकाल में 13 विश्वविद्यालयों, 30 कॉलेजों और आईआईटी-रोपड़, आईआईएम-अमृतसर और आईआईएसईआर-मोहाली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की स्थापना की जाएगी. उन्होंने कहा कि युवाओं को सशस्त्र बलों में अधिकारी बनने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए दो तैयारी संस्थान स्थापित किए गए थे. सात हॉकी और 21 बहुउद्देशीय स्टेडियम विकसित करके राज्य में खेल संस्कृति लाई गई थी.
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