Punjab News: दिल्ली में बढ़े हुए वायु प्रदूषण की वजह से पंजाब में पराली जलाना (Stubble Burning) बेहद बड़ा मुद्दा बना हुआ है. पंजाब में अब तक पराली जलाने की 67 हजार से अधिक घटनायें दर्ज की गयी हैं. यह हाल तब है जब खेतों में पराली जलाने पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है. पंजाब सरकार के अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी गई.


अधिकारियों ने बताया कि किसान राज्य भर में धान की पराली जलाने पर प्रतिबंध की धज्जियां उड़ाते रहे हैं. रविवार को पराली जलाने संबंधी लगभग 2,500 और सोमवार को 1700 घटनाएं देखी गईं, जिनमें से सबसे अधिक संगरूर जिले में हुईं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने अब तक दोषी किसानों के खिलाफ 2.46 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है.


अधिकारी ने कहा कि पंजाब में सोमवार तक पराली जलाने की 67,165 घटनाएं हुईं. रविवार तक प्रदेश में पराली जलाने के 65404 मामले दर्ज किये गये जबकि पिछले साल 14 नवंबर तक 73,893 मामले दर्ज किए गए थे.


पराली जलाने की घटनाएं थम नहीं रही हैं


हालांकि, इस साल अब तक ऐसे मामलों की संख्या पिछले साल की तुलना में कम है, लेकिन इसने 2019 के आंकड़ों को पार कर लिया है. आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में 2019 में 52,991 की तुलना में 2020 में पराली जलाने की 76,590 घटनाएं देखी गई थीं.


राज्य सरकार द्वारा पूरे पंजाब में नोडल अधिकारियों की तैनाती और फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए अधिक मशीनें देने के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं.


पंजाब और हरियाणा के किसानों पर अक्सर धान की पराली जलाने से वायु प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया जाता है और अकेले पंजाब में सालाना 20 मिलियन टन धान की पराली पैदा होती है.


Kartarpur Corridor: गुरु पर्व के मौके पर खुलेगा करतारपुर कॉरिडोर, कल से शुरू होंगे रजिस्ट्रेशन