Punjab News: पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास हुए ब्लास्ट मामले की गुत्थी को पंजाब पुलिस ने सुलझा लिया है. डीजीपी गौरव यादव ने गुरुवार सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. सभी आरोपी पंजाब के ही रहने वाले हैं.
इनकी पहचान आजादवीर सिंह, अमरीक सिंह, साहिब सिंह, हरजीत सिंह और धर्मेंद्र सिंह के रूप में हुई है. डीजीपी ने बताया कि आजादवीर सिंह और अमरीक सिंह ने IED असेंबल की थी. आजादवीर के पास से हमें 1.1 किलो विस्फोटक बरामद हुआ है. जबकि अमरीक सिंह की पत्नी से पूछताछ की जा रही है.
महिला से भी पूछताछ जारी
डीजीपी ने फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आगे बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने क्लोराइड, ब्रोमाइड, सल्फर और पोटाश को मिलाकर विस्फोटक तैयार किया था. आजादवीर ने बम बनाने के बाद धर्मेंद्र सिंह को दिया. धर्मेंद्र ने आगे उसे हरजीत सिंह को दे दिया. फिर हरजीत सिंह ने उसे साहिब सिंह (सप्लायर) को दिया. बम बनाने की पूरी प्लानिंग अमरीक और आजादवीर की थी. इनके साथ एक महिला भी थी, जो अमरीक सिंह की पत्नी भी है, उससे भी पूछताछ की जा रही है.
SGPC का किया शुक्रिया
इस दौरान डीजीपे यादव ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) टास्क फोर्स की मदद मिलने पर भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि मैंने कमेटी के अध्यक्ष को भी फोन करके धन्यवाद दिया है. सीसीटीवी की मदद से हमें आरोपियों को जल्द पकड़ने में कामयाबी मिली है. इसके बाद डीजीपी ने बताया कि ब्लास्ट में सिर्फ 200 ग्राम एक्सप्लोसिव ही इस्तेमाल किया गया था जिसे आजादवीर ने एक पोलीथीन में रखकर अकेले जाकर वहां छिपाया था. उसके बाद ठीक समय पर जोरदार धमाका हुआ था. लेकिन उन्हें लगा कि उस धमाके का कुछ खास असर नहीं हुआ. इसीलिए आजादवीर ने दूसरा और फिर तीसरा बम बनाया और उसे ब्लास्ट किया.
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