पंजाब पुलिस ने अपने ही DSP पर कसा शिकंजा, केस दर्ज, ड्रग्स तस्करों को बचाने का आरोप
Punjab Crime News: डीएसपी वविंदर कुमार महाजन अभी पंजाब आर्म्ड पुलिस की अमृतसर स्थित 9th बटालियन में तैनात थे. इससे पहले डीएसपी एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स में तैनात थे.
Punjab Police Registered Case Against DSP: पंजाब पुलिस ने अपने ही एक DSP के खिलाफ ड्रग्स तस्करों को बचाने के आरोप में मामला दर्ज किया. डीएसपी पर रिश्वत लेकर ड्रग्स तस्करों को बचाने का आरोप है. डीएसपी वविंदर कुमार महाजन (DSP Vavinder Kumar Mahajan) के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट और एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
आरोप हैं कि डीएसपी और उसका एक साथी लखनऊ का रहने वाला अखिल जय सिंह दवा निर्माता कंपनियों से रिश्वत लेते थे. आरोप है कि डीएसपी ने एक दवा बनाने वाली कंपनी एस्टर फार्मा से 45 लाख रुपए की रिश्वत ली है ताकि कंपनी को एनडीपीएस एक्ट के मामले में बचाया जा सके.
NDPS एक्ट की अवहेलना करने वाली कंपनियों को बचाने का आरोप
महाजन अभी पंजाब आर्म्ड पुलिस की अमृतसर स्थित 9th बटालियन में तैनात थे. पुलिस ने इसी साल फरवरी में 1.98 करोड़ अल्प्राजोलम गोलियां और 40 किलोग्राम Raw अल्प्राजोलम बरामद किया था. जांच में सामने आया है कि डीएसपी महाजन जो पहले डीएसपी एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स में तैनात थे, दवा निर्माता कंपनियां जो एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों की अवहेलना कर रही थीं, उन्हें कानून से बचाने के लिए रिश्वत लेता था.
पंजाब एसटीएफ ने की DSP महाजन के घर छापेमारी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने डीएसपी वविंदर महाजन के आवास पर छापेमारी भी की, जो अभी रिजर्व बटालियन में तैनात हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद छापेमारी की गई थी.
सूत्रों के मुताबिक, उनके घर से कथित तौर पर एसटीएफ ने भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की है. बुधवार शाम को हुई छापेमारी के बाद से महाजन फरार हैं. स्थानीय एसटीएफ कर्मचारियों और पुलिस अधिकारियों ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
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