Farmers Protest: पंजाब पुलिस ने 85 किसान नेताओं को लिया हिरासत में, कई टोल प्लाजा को किसानों ने कराया फ्री
किसानों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज होता जा रहा है. किसानों ने पंजाब के कई टोल प्लाजा को फ्री कर दिया है. फास्टैग स्कैनर बंद कर दिए है. वहीं पुलिस ने 85 किसान नेताओं को हिरासत में लिया है.
Punjab News: पंजाब में सरकार के खिलाफ किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. खराब फसल के मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे है. वहीं पुलिस ने करीब 85 किसान नेताओं को भी हिरासत में ले लिया है. किसानों ने अभी चंडीगढ़ की तरफ बढ़ने का फैसला टालते हुए विभिन्न जिलों के टोल प्लाजा पर धरना दे दिया है. किसान नेताओं से बैठक के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. अभी किसान अमृतसर, जालंधर और तरनतारन के अलावा अन्य जिलों के टोल प्लाजा पर बैठ गए है. इसके अलावा मोगा और संगरूर जिले के लोंगोवाल में पक्का मोर्चा लगा दिया गया है.
किसान नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट ब्लॉक
किसानों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए अब किसान नेताओं के मैसेज फैलने से रोकने के लिए उनके सोशल मीडिया अकाउंट को टेंपरेरी ब्लॉक किए जा रहे है. किसान नेता रमनदीप सिंह मान, गाओं सवेरा के सोशल मीडिया अकाउंट को बंद कर दिया गया है.
इन किसान नेताओं को लिया गया हिरासत में
किसान नेताओं के अनुसार सविंदर सिंह चुटाला, रणजोध सिंह गगोबुआ, तरसेम सिंह धालीवाल और मुख्तियार सिंह बिहारीपुर को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह साबरा को पुलिस ने उनके घर के अंदर ही हिरासत में ले लिया है.
टोल प्लाजा के खोले गए गेट, फास्टैग स्कैनर बंद
किसानों का कहना है कि उनकी मंशा सिर्फ सरकार को चोट पहुंचाने की है. इसके लिए उन्होंने कई टोल प्लाजों के गेट खोल दिए है, इसके अलावा फास्टैग स्कैनर बंद कर दिए गए है. वहीं किसानों का कहना है कि सरकार इस कदर किसानों के विरोध में है कि बसों में भी किसानों को खोजा जा रहा है. जालंधर सहित अन्य इलाकों की बसों में चेकिंग की जा रही है. लोगों की आईडी चेक की जा रही है ताकि कोई किसान बसों में बैठकर चंडीगढ़ ना जा सके.
क्या है इन किसानों की मांगे
किसानों की मांग है कि सबसे पहले नेताओं को छोड़ा जाए. इसके बाद 16 से अधिक जिलों में जहां किसानों की फसल बर्बाद हुई है वहां 50 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती उनका प्रदर्शन चलता रहेगा.
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