Punjab Politics: लोकसभा चुनाव से पहले सीएम अरविंद केजरीवाल का पंजाब दौरा आज से, कांग्रेस के साथ गठबंधन पर होगा फैसला?
Arvind Kejriwal Punjab Visit: आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का 3 दिवसीय पंजाब दौरा कई लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस दौरे के दौरान केजरीवाल पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ कई घोषणाएं कर सकते हैं.
Punjab Politics: आगामी वर्ष पूरे देश में लोकसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर राजनीतिक पार्टियां अभी से सक्रिय हो गई हैं. इसी क्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) बुधवार (13 सितंबर) से पंजाब के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचेंगे.
अरविंद केजरीवाल का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब कांग्रेस की स्थानीय इकाई और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच गठबंधन और सीट शेयरिंग को लेकर बयानबाजियों का दौर जारी है. एक ओर जहां कांग्रेस की पंजाब प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा है कि पार्टी , आगामी लोकसभा चुनाव में AAP के साथ गठबंधन नहीं करेगी वहीं AAP सरकार में मंत्री गगन मान ने भी कुछ ऐसे ही संकेत दिए हैं.
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा तो I.N.D.I.A.गठबंधन के बाद से ही AAP के साथ किसी भी तरह के गठबंधन को मानने से साफ इनकार कर रहे हैं. हालांकि कांग्रेस नेता और पीपीसीसी के पूर्व चीफ नवजोत सिंह सिद्धू ने गठबंधन को लेकर सारा फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है. दीगर है कि राज्य में 13 लोकसभा सीटें हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में 10 सीटें जीती थीं.
विधानसभा चुनाव के समय AAP ने पंजाब के लोगों से कई महत्वपूर्ण वादे किये थे. पंजाब में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी और अकाली दल पर लगातार भगवंत मान सरकार पर झूठे वादों के जरिये चुनाव जीतने का आरोप लगा रही हैं. वहीं AAP संयोजक नव गठित I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल होने को लेकर संशय की स्थिति में है. हालांकि वे विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की बैठकों में शामिल होते रहे हैं. उन्होंने I.N.D.I.A. की एक बैठक में मोदी सरकार को सबसे करप्ट और अंहकारी सरकार बताते हुए कहा था कि, कई बड़ी ताकतें I.N.D.I.A. अलायंस को तोड़ने की कोशिश में लगी हैं. उन्होंने दावा किया कि गठबंधन के कई नेताओं को बारे में बताया जायेगा कि उनके बीच झगड़े हो रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. उन्हें इस बात की खुशी कि गठबंधन में शामिल सभी दलों ने अलग-अगल जिम्मेदारियां एक्सेप्ट की हैं.
विपक्ष के मतभेद को भुनाने की जुगत में AAP
कई सालों तक पंजाब की सियासत की धुरी रही अकाली दल, आगामी चुनाव में पार्टी के सबसे महत्वपूर्ण चेहरे प्रकाश सिंह बादल से महरूम रहेगी. अकाली दल और बीजेपी गठबंधन में चल रही रार और कांग्रेस पार्टी में चल रही कलह के बीचे AAP मतदाताओं को लगातार रिझाने में लगी है. पंजाब की 13 सांसद केंद्रीय सियासत में प्रदेश की नुमाइंदगी करते हैं, जबकि राज्यसभा मेंबर के रुप में 7 सदस्य मनोनीत किये जाते हैं.
2024 लोकसभा चुनाव में सीएम भगवंत मान और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल चुनावी वादों के पूरा कर साधने में जुटने हैं. अरविंद केजरीव और पार्टी के दूसरे नेता लगातार जातिगत और धार्मिक मुद्दों से हटकर बुनियादी सुविधाओं के विकास पर चुनाव लड़ने की बात करते रहे हैं. इसका काफी हद तक उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव और पंजाब के आम चुनाव में फायदा मिलता हुआ दिखा है. ऐसे में अगर AAP, I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल नहीं भी होती है, तो वह पंजाब में अपनी सरकार के बलबूते पर लोकसभा चुनाव में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के फिराक में है.
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