Punjab News:  पंजाब बीजेपी के लिए अब नई मुश्किलें खड़ी होती नजर आ रही है. पार्टी नेताओं की आपसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता ही उनके लिए चुनौती बनती जा रही है. इनमें कई वो नेता शामिल है जो कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए है. ये नेता कांग्रेस  (Congress) में रहते हुए अपनी पार्टी हाईकमान के लिए सिरदर्द बने थे. अब ये नेता बीजेपी (BJP) में शामिल होकर उनके लिए परेशान बन गए है. लेकिन इसको लेकर बीजेपी नेताओं का कहना है कि जिन नेताओं में आपसी मनमुटाव हैं उसे दूर किया जाएगा. 


बीजेपी के खड़ी हुई मुश्किलें
कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए इन नेताओं की नाराजगी को दूर नहीं किया गया तो हो सकता है एक समय ऐसा आए कि इन नेताओं को साथ लेकर चलना मुश्किल हो जाए. बात अगर बठिंडा की करें तो अकाली दल के पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला के बीजेपी में आने से उन्हें एक मजबूत  उम्मीदवार तो मिल गया, लेकिन मनप्रीत बादल के पार्टी में शामिल होने से संकट खड़ा हो कि दोनों बठिंडा से चुनाव लड़ते रहे हैं ऐसे में टिकट किसे दिया जाए. यहीं हाल एक और संसदीय सीट का है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ और पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह सोढ़ी की बीजेपी में एंट्री से पार्टी के मुश्किल खड़ी हो गई है कि किसे टिकट दें. बताया जाता है कि सुनील जाखड़ तो कई बैठकों में कह तक चुके है कि वो गुरमीत सिंह सोढ़ी के साथ तक नहीं बैठ सकते. 


इन नेताओं की राह नहीं आसान
शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी का गठबंधन टूटने से अन्य पार्टियों के नेताओं के लिए बीजेपी में आने की राह आसान हो गई थी. ऐसे में जिन नेताओं को लगता था कि पार्टी में सीनियर नेताओं के एक्टिव रहने से उन्हें कोई बड़ा मौका नहीं मिलने वाला वो एक-एक कर बीजेपी में शामिल होते गए. वैसे तो बीजेपी वो कई सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों की जरूरत थी लेकिन जिन सीटों पर बीजेपी का पहले से पलटा भारी रहा है उन सीटों पर और दूसरी पार्टी के नेताओं के आने से अब बीजेपी में असमंजस की स्थिति हो गई है.  


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