Chandigarh News : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने बुधवार को डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पर पैरोल की सुविधा का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है. पार्टी ने इसकी निंदा भी की है. इसके साथ ही पार्टी ने दुष्कर्म और हत्या के मामलों में दोषी पाये गये व्यक्ति को हरियाणा सरकार द्वारा राज्य स्तरीय समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को न्यायिक प्रक्रिया के लिए चुनौती भी बताया है. 


दुष्कर्म के दोषी को राज्यस्तरीय समारोह में बुलाना ठीक नहीं


अपनी पहली बैठक में मंगलवार की देर शाम नवगठित अकाली पंथिक सलाहकार बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि जिस तरह से हरियाणा सरकार के शीर्ष पदाधिकारी राम रहीम का सम्मान कर रहे हैं, उससे गलत संदेश जा रहा है. हरियाणा के मुख्यमंत्री और एक बीजेपी सांसद को निशाने पर लेते हुए कहा कि ऐसा करना उन्हें शोभा नहीं देता. अकाली दल के प्रवक्ता ने कहा कि यह व्यावहारिक रूप से अदालत की अवमानना ​​है. बैठक की अध्यक्षता पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल कर रहे थे. यह भी कहा गया कि राम रहीम के खिलाफ आपराधिक मामले अभी भी लंबित हैं. हरियाणा सरकार उसे वीवीआईपी मान रही है और पूरा समर्थन दे रही है. ऐसी स्थिति में दोषी के खिलाफ दर्ज मामलों में गवाहों को भी प्रभावित किया जा सकता है. 


क्या यहां शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए कुछ बचा है?


अकाली अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाबी भाषा में लिखे एक ट्वीट में पैरोल पर बाहर आने के बाद तलवार से केक काटते दिख रहे गुरमीत राम रहीम के कथित वीडियो का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा, ''क्या यहां शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए कुछ बचा है? देश में धार्मिक भावनाओं को भड़काकर बलात्कारी राम रहीम से शर्मनाक हरकत करने की साजिश रची गई है?” उन्होंने देश के सही सोच वाले नागरिकों से भी अपील की कि वे आगे आएं और लोगों को जागरूक कर राजनीतिक अवसरवाद की साजिश को विफल करें. पार्टी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अकाली दल हमेशा महान गुरुओं के पदचिन्हों पर चलकर शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने में अग्रणी भूमिका निभाता रहेगा.


बंदी सिखों की रिहाई के लिए जुटाएंगे 25 लाख हस्ताक्षर


पार्टी प्रवक्ता के अनुसार, बोर्ड की बैठक में इस पर भी चर्चा हुई कि बंदी सिखों की रिहाई के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा शुरू किए गए हस्ताक्षर अभियान को भारी समर्थन मिल रहा है. इस दौरान कहा गया कि सिख इस बात से परेशान हैं कि राम रहीम को तो बार-बार पैरोल मिल जा रही है, लेकिन सिख बंदियों को 28 साल से पैरोल की सुविधा के बिना रखा जा रहा है.


एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि निकाय ने पहले ही 12 लाख हस्ताक्षर एकत्र कर लिए हैं. उन्होंने बंदी सिखों के साथ एकजुटता का ऐलान करते हुए कहा कि उनकी रिहाई की मांग करते हुए लगभग 25 लाख हस्ताक्षर करा लिये जाएंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में समाज के सभी वर्गों के लोगों से संपर्क कर अभियान को और व्यापक बनाया जाएगा.


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