Punjab Private Bus Operators Strike: पंजाब में ‘पंजाब मोटर यूनियन’ के बैनर तले निजी बस संचालकों ने राज्य की आम आदमी पार्टी सरकार पर कोविड-19 महामारी की अवधि में कर में छूट समेत उनकी अन्य मांगों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को एक दिवसीय हड़ताल की. इस दौरान काले झंडे थामे प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और ‘पंजाब मोटर यूनियन’ के बैनर तले बस और मिनी बस संचालकों ने अमृतसर, पटियाला, फगवाड़ा और अजनाला समेत कई स्थानों पर धरना भी दिया.
बस संचालकों की इस हड़ताल के कारण सड़कों से निजी बसें नदारद रहने के चलते यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. राज्य की सरकारी बसों के उलट निजी और मिनीबस ऑपरेटरों का ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक प्रभुत्व है क्योंकि वे राज्य के अंदरूनी हिस्सों में चलते हैं. कर माफी के अलावा, वे किराए में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं और राज्य द्वारा संचालित बसों में महिलाओं को मुफ्त सवारी प्रदान करने के फैसले के लिए मुआवजा चाहते हैं.
बसों की हड़ताल के कारण ड्यूटी पर लेट पहुंचे यात्री
तरन तारन जिले के कंग गांव की रहने वाली महिला और पेशे से नर्स सुखविंद कौर ने बताया कि वह निजी बसों की हड़ताल के कारण अमृतसर में अपनी ड्यूटी पर समय से पहुंचने में विफल रहीं. जगदेव कलां गांव के रहने वाले चरनजीत सिंह ने बताया कि वह अपने व्यवसाय के सिलसिले में रोज अमृतसर जाते हैं और मंगलवार को उन्हें वहां जाने में तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. अमृतसर के श्री गुरु रामदास अस्पताल के ज्ञान इंदर सिंह दोसांझ ने बताया कि हड़ताल के कारण अस्पताल में अन्य दिनों की अपेक्षा मरीजों की संख्या बेहद कम है.
टैक्स में छूट की मांग को लेकर की हड़ताल
होशियारपुर में 70 साल की महिला उर्मिला देवी अपने गांव जाने के लिये बस का इंतजार कर रही थी. उन्होंने कहा कि अगर कोई बस उनके गांव कोट पटियाल नहीं जायेगी तो उन्हें थ्री व्हीलर किराये पर लेना होगा. पटियाला में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान बस संचालक तेजपाल सिंह ने कहा कि निजी बस संचालक राज्य सरकार से दिसंबर 2021 तक के टैक्स में छूट की मांग कर रहे हैं क्योंकि कोविड महामारी के दौरान बस संचालकों को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा था.
महिलाओं की निशुल्क यात्रा सेवा से परेशान हैं निजी बस संचालक
निजी बस संचालकों ने कहा कि राज्य सरकार की बसों में महिलाओं की निशुल्क यात्रा सेवा से भी उनका कारोबार प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केवल शनिवार और रविवार को महिलाओं के लिए निशुल्क बस सेवा उपलब्ध करानी चाहिए. बस संचालकों ने कहा कि डीजल के दामों में वृद्धि के चलते वे बस किराया बढ़ाने की भी मांग कर रहे हैं. निजी बस संचालकों का कहना है कि उन्होंने अपनी मांगों से राज्य सरकार को पहले ही अवगत करा दिया है, लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, राज्य में करीब 2,200 निजी बस हैं.
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