(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Punjab News: MSP समिति का राघव चड्ढा के विरोध पर कृषि मंत्री ने कही ये बात, विपक्ष पर लगाया गंभीर आरोप
Punjab News: MSP पर बनी समिति राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने विरोध किया है. सांसद ने इस समिति के खिलाफ स्थगन नोटिस भी दिया है.
Punjab News: सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को मजबूत करने के उपाय सुझाने के लिए गठित समिति का आप सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chaddha) ने कड़ा विरोध किया है. राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी एकीकृत तरीके से भारत का नेतृत्व नहीं कर सकती है. उनका कहना है कि मोदी सरकार का एक बार फिर पंजाब विरोधी चेहरा सामने आया है.
AAP नेता ने कहा- "सरकार ने MSP पर कानून बनाए जाने वाली कमेटी में पंजाब को शामिल नहीं किया है." उन्होंने कहा "इस काले कानून का समर्थन करने वाली कमेटी में बीजेपी सदस्य और समर्थक मौजूद है." सांसद चड्ढा ने इस समिति के खिलाफ स्थगन नोटिस दिया है और कहा है कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे.
दूसरी ओर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों ने तीन नाम कमिटी के लिए नहीं दिया है. आज भी 3 जगह खाली है. किसान खुलकर अपनी बात रखें. किसान अपना सुझाव दें और हम सुनने के लिए तैयार हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की कोशिश काम में बाधा डालने की है. MSP पर सरकार ने कमिटी बना दी है और सभी लोग इसमें हैं.
Clear evidence that the BJP cannot lead India in a unified manner, specially on issues important to its farmers. It's clear as day why making MSP 'effective' is on the table, but legal guarantee for minimum MSP is not. I have filed a suspension notice in the Rajyasabha. (5/5) pic.twitter.com/yX0g2EqDnS
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) July 19, 2022
सरकार ने गठित की है समिति
दरअसल सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को मजबूत करने के उपाय सुझाने के लिए एक समिति का गठन किया है. पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल समिति के चेयरमैन होंगे. सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद इस समिति का गठन करने का वादा किया था. करीब आठ माह बाद अब इस समिति का गठन कर दिया गया है. सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के तीन सदस्यों को इस समिति में शामिल करने का प्रावधान भी किया है.
हालांकि, कृषि संगठन ने अभी तक समिति के लिए कोई नाम नहीं दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में हजारों किसानों ने एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन किया था. इसके बाद सरकार ने विवश होकर तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया था.
पीएम मोदी ने किया था ये वादा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी. सरकार ने एमएसपी पर कानूनी गारंटी के लिए किसानों की मांग पर चर्चा करने को लेकर एक समिति गठित करने का वादा किया था. कृषि मंत्रालय ने इस संबंध में एक समिति के गठन की घोषणा करते हुए एक गजट अधिसूचना जारी की है.
समिति में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, भारतीय आर्थिक विकास संस्थान से कृषि अर्थशास्त्री सीएससी शेखर और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम-अहमदाबाद) से सुखपाल सिंह और कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) के वरिष्ठ सदस्य नवीन पी सिंह को शामिल किया गया है.